ऐतिहासिक परिदृश्य
ऐतिहासिक परिदृश्य
1.हरियाणा का प्रादेशिक नाम ब्रह्मवती था।
2. नौवीं शती में प्रदेश की हरियाली के कारण इसे हरियाल कहा जाने लगा।
3 दसवीं शती में महापुराण के रचयिता पुष्पदन्त ने इस प्रदेश के लिए हरियाणठ शब्द का प्रयोग किया।
4 1327 ई. में तोमर अभिलेख में हरिवाना शब्द का उल्लेख हैं
5. हरियाणा शब्द की व्युत्पत्ति हरियानकम) शब्द से है। हरि शब्द का अर्थ है- घोड़ों तथा यानम् का अर्थ है- सवारी। इस प्रकार अर्थ हुआ बोड़ों की सवारी
6. महाभारत काल में राजा कुरु को नाम पर कुरुक्षेत्र कहा जाने लगा।
7. छठी शती में कुरुक्षेत्र को श्रओकठजनपद कहा जाने लगा।
प्राचीन इतिहास
1. अहियां, धामली, पिंजौर के क्षेत्र, सुकेतड़ी, पपलीना (कालका), कोटला, झिरका, आदि क्षेत्रों से पुरापाषाणकालीन उपकरण प्राप्त हुए हैं।
2. मीताथल, दौलतपुर, सीसवाल, बनावली, राखीगढ़ी, भगवानपुर, मिर्जापुरवाल, आदि स्थानों पर नगरीय सभ्यता के अवशेष मिले हैं।
3 चित्रित धूसर मृद्भांड हरियाणा में लगभग 300 जगहों पर. प्राप्त हुए हैं। इनमें सुध, भगवानपुर, राजा कर्ण का किला, दौलतपुर आदि है।
4 गांधारों ने राजा शांतनु के समय हरियाणा पर आक्रमण किया। महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध कौरवों और पाण्डवों के बीच कुरुक्षेत्र में हुआ।
5. प्राचीन हरियाणा में छठी शती ई पू कई जनपदों की स्थापना हुई। इनमें एकी कुरु गणराज्य था। अशोक ने 232 पू तक शासन किया। उसका स्तम्भ लेख जिस पर सातों लेख अंकित हैं, अम्बाला के टोपरा (वर्तमान में यमुनानगर जिले में है) में पाया गया है। अशोक ने थानेसर में एक स्तूप बनवाया जिसमे महात्मा बुद्ध के अवशेष रखे गए थे।
6.युधिष्ठिर के पुत्र यौधेय ने यौधेयगण बनाया था। हरियाणा में बौधेयगण बहुत शक्तिशाली था।
7. 1834 ई में कैप्टन कोटले को सहारनपुर के निकट बेहट गांव में यौधवगण के सिक्के मिले। हांसी, खरखौदा, सिरसा, हिसार, रोहतक, सोनीपत, गुड़गांव और करनाल में भी यौधेयगण के सिक्के पाए गए।
8 भिवानी जिले के नौरंगाबाद नामक स्थान से मिले सिक्कों पर यौधेयानां बहुधान्य के अंकित है तथा लिपि ब्राह्मी है।
9 वौधेयों की राजधानी प्राकृतानाक (नौरंगाबाद- बामला) में थी।
10 बरवाला व अग्रोहा (हिसार) से प्राप्त सिक्के बताते है कि हिसार में अग्र नामक गणराज्य था।
11.कुणिन्द गण का प्रसार अम्बाला जिले में था।
12 आर्जुनायन गण राजस्थान के कुछ भाग और हरियाणा के महेन्द्रगढ़ क्षेत्र में व्याप्त था।
13 छठी शताब्दी में पुष्यभूति नामक सेनापति ने बानेसार में स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की।
14. पुश्यभूति शासक के वंश में, छठी शती के अन्तिम वर्षों में प्रभाकरवर्धन नामक शक्तिशाली राजा हुआ। उसने हृण शासकों को पराजित किया तथा सिन्धु, गुर्जर, गान्धार, लाट एवं मालव राज्य पर विजय पाई।
15. 606 ई. में हर्षवर्धन राजा बना। हर्ष का राज्य कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, कन्नौज, नेपाल, बिहार, ओडिशा, बंगाल, मालवा, वल्लभी व सिन्धु देश पर था।
16. हर्ष ने नालन्दा विश्वविद्यालय को अनुदान दिया था। उसने मयूर, दिवाकर, बाण, भर्तृहरि, जवसेन आदि को आश्रय दिया था।
17. कुरुक्षेत्र में कुरु तथा दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में यदुओं का शासन था।
18. प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वितीय (805-833ई) के समय हरियाणा उसके अधीन था।
19. महेन्द्रपाल प्रथम के पेहोषा शिलालेख से पता चलता है कि तमिरों में जाउल नामक पहला राजा था उसी वंश में जज्जुक नामक वीर था।
20. सुलक्षणपाल तोमर वंश का स्वात्र शासक था। उसके बाद जयपाल (1005-1027 ई) हरियाणा का शासक बना।
मध्यकालीन इतिहास
1. 1009 ई में महमूद गजनवी ने थानेसर पर हमला किया। जयपाल व महमूद की सेनाओं में संघर्ष हुआ, महमूद जीत गया।
2. महमूद के बाद 1037 ई. में उसके पौत्र मसूद ने हांसी पर आक्रमण किया और तोमर शासक कुमारपाल देव से उसका संघर्ष हुआ, मसूद जीत गया। इसके बाद उसने थानेसर, कुरुक्षेत्र सहित सारे हरियाणा पर कब्जा कर लिया।
3. 1139 ई.) में चौहार नरेश अरुणराज (शाकम्भरी) ने तोमर राजा को करदाता सामन्त बना दिया।
4. 1151 ई. में विग्रहराज चतुर्थ ने हांसी व दिल्ली पर अधिकार कर लिया। पृथ्वीराज तृतीय ने तोमरों का अन्त कर दिया।
5. 1191 ई. में पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को तरावड़ी के युद्ध में हराया, परन्तु 1192 ई. में यहीं पर वह हार गया।
6. रजिया तथा उसके पति अल्तूनिया को 13 अक्टूबर, 1240 को कैथल के समीप गिरफ्तार कर हत्या कर दी गई।
7. वर्ष (1246 तेथा वर्ष 1260 में नसीरुद्दीन सुल्तान ने मेवात विद्रोह को कुचलने के लिए अपने सेनापति बलबन को मेवात भेजा, परन्तु बलबल असफल रहा।
8. वर्ष 1265 मो बलबन दिल्ली का सुल्तान बना तथा मेवात क्षेत्र में उसने गोपालगिरि में दुर्ग का निर्माण कराया।
9. कैथल का मुफ्ती रह चुका जलालुद्दीन खिलजी वर्ष 1290 में दिल्ली का सुल्तान बना तथा उसने कलायत के पास मंठारों से संघर्ष किया।
10. फिरोजशाह तुगलक ने लोगों को आर्थिक राहत तो दी पर धार्मिक क्षेत्र में गड़बड़ी फैलाई। उसकी धार्मिक नीति के कारण हरियाणा में विद्रोह हुआ।
11. फिरोजशाह की धार्मिक कठोरता के कारण हरियाणा के बहुत से हिन्दुओं ने इस्लाम अपना लिया।
12. स्वतन्त्र क्षेत्रों में दक्षिण पश्चिमी हरियाणा में बहादुर नाहिर और उत्तर में कलावत के मोहन सिंह मंढार के महत्त्वपूर्ण राज्य थे।
13. बाबर ने हरियाणा को चार प्रशासनिक क्षेत्रों में बांट दिया था।
14. 1540 में शेरशाह सूरी ने यह प्रदेश हुमायूं से छीन लिया। शेरशाह ने हरियाणा के शासन प्रबन्ध में विशेष रुचि दिखाई, क्योंकि हरियाणा के नारनौल में उसका जन्म हुआ था।
15 . औरंगजेब के विरुद्ध नारनौल में 1672 ई. सतनामियों का भयंकर विद्रोह हुआ।
16. रेवाड़ी में अहीर (यादव) शासन की स्थापना हुई।
17. दिल्ली के बादशाह फर्रुखसियर है गोपालसिंह जाट को फरीदाबाद का चौधरी बनाया। बल्लभसिंह ने बल्लभगढ़ में किला बनवाया
18. 1754 ई. में मराठों ने हिसार, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, रोहतक आदि क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
19. (1757) में अब्दाली व मराठा सेना के बीच फरीदाबाद मैं युद्ध हुआ, मराठे हार गए। पलवन में सूरजमल के पुत्र जवाहरसिंह के साथ अब्दाली का युद्ध हुआ।
20. 14 जनवरी, 1761 में अहमदशाह अब्दाली तथा सदाशिव राव भाऊ के नेतृत्व में पानीपत की तीसरी लड़ाई हुई।
21. नजीबुद्दीला के साथ सूरजमल का संघर्ष 25 दिसम्बर, (1764 ई.) को हुआ। जिसमें सूरजमल की हत्या कर दी गई।
22. 1765 में नजीबुद्दौला ने सोनीपत पर आक्रमण कन भिवानी, मेवात, फरुखनगर तथा हिसार पर कब्जा जमाया एवं अपने पुत्र जाबित खां को हिसार क उत्तराधिकारी बनाया।
23. नजफखां ने जाटों से रेवाड़ी झज्जर और गुड़गांव, राजपूतों से कानौड़ व नारनौल, बिलोचों से सोनीपत, रोहतक, भिवानी, भट्टियों से हिसार व सिरसा तथा सिक्खों से करनाल व अंबाला क्षेत्र छीन लिए।
24. महादजी सिंधिया ने इस्माइल वेग के नेतृत्व में सेना गुड़गांव, नारनौल, कालौड आदि क्षेत्रों के शासक नजफकुली खां के खिलाफ भेजी। महादजी ने हरियाणा को चार जिलों, देहली जिला, पानीपत जिला, हिसार जिला व मेवात जिलों में बांटा।
25. आयरलैण्ड का निवासी जार्ज थॉमस 1782 हैं में भारत आया। उसने करनाल, पटियाला, मुड़गांव, रोहतक, हिसार, सोनीपत, भिवानी के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा किया। हांसी को राजधानी बनाया। उसके सिक्खों को सिकट्ठे-ए-साहिब कहा जाता था। 1798 में जार्ज थॉमस ने जींद पर कब्जा किया। बाद में सिक्खों में इकट्ठे होकर उसे खदेड़ दिया तथा 1802 में में उसकी मृत्यु हो गई।
26. दौलतराव सिन्धिया ने 30 सितम्बर, 1803 को सुर्जी अर्जन गांव की सन्धि के अंतर्गत हरियाणा को ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी को सौंप दिया।
27. अंग्रेजों ने हरियाणा को दो भागों में बांटा। एक जिसमें सीधा कंपनी का शास था। शेष हरियाणा इन्होंने अपने समर्थकों को दिया। जिन्होंने 1803 के आंग्ल- मराठा युद्ध में इनकी सहायता की। अंग्रेजों ने पूरे हरियाणा में अपनी व्यवस्था लागू की। 1858 में. में इसे पंजाब प्रान्त के साथ मिला दिया।
28. हरियाणा में वर्ष 1809 में छछरौली का विद्रोह वर्ष (1818 में राणिया का विद्रोह तथा वर्ष 1924 में किसानों का विद्रोह हुआ।
सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का आयोजन ( 30 वाँ )
1. मेले का उद्घाटन मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 1 फरवरी 2016 को किया गया था।
2. मेले का समापन 15 फरवरी 2016 को हुआ था।
3. मेले का आयोजन 40 एकड़ भूमि पर किया गया था।
4. 2016 में थीम राज्य के रूप में तेलंगाना राज्य को चुना गया तथा 2017 में झारखंड को चुना गया था।
5. इस मेले में फोक्स कन्ट्री के रूप में चीम तथा जापान ने भाग लिया था।
6. 29वें मेल में थीम राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य ने भाग लिया था।
7. 26वें संस्करण (2012) में थाईलैंड की पहले साथी राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
8. 2009 में प्रथम फोक्स राष्ट्र के रूप में मिस्र ने भाग लिया था।
9. प्रथम मेले का आयोजन 1987 में किया गया था।