गवर्नर जनरल

  • 1773 के रेग्यूलेटिंग एक्ट के तहत बंगाल के गर्वनर को गर्वनर जनरल बना दिया गया ।
  • गर्वनर जनरल का क्रम
  • 1. वॉरन हेस्टिंग्स (1772-85)
  • 2. लॉर्ड कॉर्नवालिस (1785-93)
  • 3. जॉन शोर (1793-98)
  • 4. वेलेजली (1798-1805)
  • 5. जॉर्ज बारलो (1805)
  • 6. लॉर्ड मिन्टो 1 (1805-07)
  • 7. लॉर्ड हेस्टिंग्स (1807-13)
  • 8. जॉन एडम्स (1823)
  • 9. लॉर्ड एमहर्स्ट (1823-28)

1. वारेन हेस्टिंग्स (1772-1785)

  • 1772 में इसे बंगाल का गवर्नर बनाया गया । 1773 में रेग्यूलेटिंग एक्ट द्वारा इसे बंगाल का गवर्नर जनरल बनाया गया ।
  • 1772 में “कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स” के अनुसार इसने बंगाल से द्वैध शासन समाप्त किया ।
  • 1784 में पिट्‌स इण्डिया एक्ट के विरोध में इसने इस्तीफा दे दिया ।
  • 1774 में कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गई। (1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट के अनुसार)
  • इसमें अंग्रेजी कानून ही लागू होते थे तथा इसका क्षेत्राधिकार केवल कलकत्ता क्षेत्र ही था।
  • यदि दोनो पक्ष सहमत हो तो बाहर का मामला भी कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट में सुना जा सकता है प्रमुख न्यायाधीश (कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट)
  • एलिजा इम्पे (मुख्य न्यायाधीश)

2. लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786-1793)

  • अपने न्यायिक सुधारों के तहत इसने सर्वप्रथम जिले की समस्त शक्ति कलेक्टर के हाथों में केन्द्रित कर दी।
  • कॉर्नवालिस ने भारत में सर्वप्रथम “कानून की विशिष्टता” का नियम लागू किया ।
  • 1793 में कॉर्नवालिस ने “कॉर्नवालिस कोड” का निर्माण कराया जो ‘शक्तियों के पृथक्करण’ के सिद्धान्त पर आधारित था ।
  • कॉर्नवालिस को “पुलिस सुधारी का जनक” भी कहा जाता है।
  • इसी के शासन में ‘बोर्ड ऑफ रेवेन्यू’ कि स्थापना हुई थी ।
  • कॉर्नवालिस की मृत्यु उत्तरखदेश के गाजीपुर जिले में हुई ।
  • इसी के शासन में ‘बोर्ड ऑफ रेखेन्यू’ कि स्थापना हुई थी ।
  • कॉर्नवालिस की मृत्यु उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले में हुई ।
  • इसने बंगाल में स्थायी बंदोबस्त लागू किया ।
  • कॉर्नवालिस को भारत में “नागरिक सेवा का जनक” माना जाता है।

3. सर जॉन शोर

  • अहस्तक्षेप नीति एवं खारदा का युद्ध सर जॉन शीर के काल की महत्वपूर्ण घटना धी ।
  • खारदा का युद्ध 1795 ई. में मराठों एवं निजाम के बीच लड़ा गया ।

4. लॉर्ड वेलेजली (1798-1805)

  • यह अपनी सहायक संधि के कारण प्रसिद्ध हुआ ।
  • इसके समय “चतुर्थ श्रआंग्ल-मैसूर युद्ध” (1799) में हुआ ।
  • नागरिक सेवाओं के प्रशिक्षण हेतु इसने 1800 में कलकत्ता में “फोर्ट विलियम कॉलेज” की स्थापना की ।
  • इसे “बंगाल का शेर” उपनाम से भी जाना जाता है।
  • 1801 में इसके समय मद्रास प्रेसीडेन्सी का सृजन किया गया ।
  • 1802 में पेशवा बाजीराव II के साथ बेसीन की संधि की ।

5. जॉर्ज बॉरलो (1805-07)

  • 1806 वैल्लोर विद्रोह (मदास) कारण : अंग्रेजो द्वारा धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग बन्द कर दिया था। 
  • उस समय मदास का गर्वनर विलियम बैन्टिक था ।
  •  इसने प्रेस पर प्रतिबन्ध को विद्रोह का कारण बताया था ।
  • होल्डर के साथ सहायक संधि (राज पुरघाट की संधि)

6. लार्ड मिन्टो (1807-13)

  • 1809 अमृतसर की संधि
  • इसी के कार्यकाल में चार्टर एक्ट 1813 पारित हुआ था ।

7. लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-23)

  • बिना बराबरी के स्तर पर मुगल बादशाह से मिलने से मना कर दिया ।
  • मदास में टॉम्स मुनरो द्वारा रैयतवाडी की व्यवस्था लागू की गई ।
  • प्रथम आंग्ल – नेपाल युद्ध : (1814-16)
  • संगौली की सन्धि द्वारा युद्ध समाप्त हुआ ।

8. जॉन एडम्स (1823)

  • इसने प्रेस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ।
  • राजाराम मोहनराय के ‘मिरातुल अखबार’ को बन्द कर दिया था

9. लॉर्ड एमहर्स्ट (1823-28)

  • यह पहला गवर्नर जनरल जो मुगल बादशाह से बराबरी के स्तर पर मिला ।
  • प्रथम आंग्ल – बर्मा युद्ध : (1824-26)
  • ‘यान्दबू की सन्धि’ द्वारा यह युद्ध समाप्त हुआ

भारत के गवर्नर जनरल

  • 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गर्वनर जनरल बना दिया गया ।
  • ‘विलियम बैंटिक’ भारत का प्रथम गवर्नर जनरल था
  • गवर्नर का क्रम : (भारत के गवर्नर जनरल)
  • 1. विलियम बैंटिक (1828-35)
  • 2. चार्ल्स मेटकॉफ (1835-36)
  • 3. लॉर्ड ऑकलैण्ड (1836-42)
  • 4. लॉर्ड एलनबरी (1842-44)
  • 5. लॉर्ड हार्डिंग प्रथम (1844-48)
  • 6. लॉर्ड डलहौजी (1848-56)

1. विलियम बैन्टिक (1828-35)

  • भारत में बंगाल के गवर्नर जनरल के रूप में आया था लेकिन 1833 के चार्टर एक्ट के द्वारा जा इसे भारत का गवर्नर जनरल बना दिया ।
  • 1829 में धारा 17 के तहत सती प्रथा पर रोक लगा दी यह रोक राजाराममोहनराय के प्रयासों से लगी थी
  • विलियम बैन्टिक ने ठग प्रथा का उन्मूलन किया था “कर्नल सलीमैन” के नेतृत्व में इसका उन्मूलन किया था ।
  • 1835 में कलकत्ता में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की ।
  • 1835 में मैकाले स्मरण पत्र जारी किया गया जिसमें शिक्षा हेतु विप्रवेशन / निस्यदन / टपक / छनन / बूंद-बूंद सिंद्धांत दिया। इसके अंतर्गत भारतीय उच्च वर्ग को अंग्रेजी में शिक्षा दी जाएगी। जो टपक-टपक कर जनसाधारण तक पहुंच जाएगी ।

2. चार्ल्स मैटकॉफ : (1835-36)

  • चार्ल्स मैटकॉफ को समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है।
  • इसने 1818 में राजस्थानों की रियासतों के साथ सन्धि करने के लिए अंग्रेजो की तरफ से प्रतिनिधि था ।

3. लॉर्ड ऑकलैण्ड : (1836-42)

  • 1839 में इसने कोलकत्ता से दिल्ली तक ग्राण्ड ट्रक रोड का मरम्मत करवाया ।
  • प्रथम आंग्ल -अफगान युद्ध : (1839-42)
  • कारण : अफगानिस्तान का राजा दोस्त मोहम्मद रूस से दोस्ती कर रहा था ।
  • कलकत्ता से दिल्ली के बीच जी.टी. रोड का पुनर्निमाण करवाता है।

4. लॉर्ड एलनबरोः (1842-44)

  • 1843 में सिन्ध का विलय किया गया । 
  • यह विलय नेपियर के नेतृत्व में हुआ था ।
  • 1843 में दास प्रथा (धारा-5) पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था ।
  • (यह घोषणा 1833 के चार्टर एक्ट के तहत की गई थी ।)
  • इसका कार्यकाल कुशल अकर्मण्यता की नीति का काल कहा जाता है।

5. लॉर्ड हॉर्डिंग प्रथम (1844-48)

  • प्रथम भांग्ल सिख युद्ध (1845-46)
  • भौडिशा में खोडो के बीच प्रचलित नर बलि कि प्रथा को समाप्त कर दिया ।

6. लॉर्ड डलहौजी (1848-56)

  • डलहौजी भाधुनिक भारत के मानचित्र का निर्माता था ।
  • डलहौजी ने भारतीय रियासतों का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय किया था ।
  • रेलवे माईजुट 1853 में बंबई से थाणे तक रेल का परिचालन ।
  • शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया ।

युद्ध द्वारा किये गये विलय

  1. पंजाब (1849)
  2. सिक्किम (1850)
  3. लॉऊर बर्मा व पीगू (1852)

शान्तिपूर्ण तरीके से किये गये विलय :

  • गोद निषेध नीति / व्ययगत / हडप नीति
  • 1848 – सतारा
  • 1849 जैतपुर / संभलपुर
  • 1850 बघाट
  • 1852 उदेपुर (एम.पी)
  • 1853 झाँसी
  • 1854 नागपुर
  • 1855 – करौली

डलहौजी के सुधार

  1. 1852 में भारत में तार सेवा शुरू की थी। तार विभाग का प्रमुख को शेघने सी
  2. 1853 में भारत में रेल सेवा शुरू की। पहली रेल बॉम्बे से थाने के बीच चलाई गई थी । इंजन – फेयरी क्विन
  3. 1854 में डाक सेवा शुरू की थी। (डाक टिकट 2 पैसे का होता था) डलहौजी ने सैनिको के लिए भी डाकटिकट अनिवार्य कर दिया था।
  4. 1854 में शिक्षा में सुधार किये थें ।
  5.  ये सुधार चार्ल्स वुड के नेतृत्व में किये थे इसलिए इन्हें वुड डिस्पैच कहा जाता है। 
  6. चार्ल्स वुड बॉर्ड श्रॉफ कन्ट्रोल का अध्यक्ष था ।
  7. 1854 में सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) बनाया गया ।

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