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स्वांग एक ग्रामीण लोक नाट्य खुला रंगमंच तकनीकी है। जो वीरता, बलिदान और हास्य की मिथकीय और आधुनिक कथाओं की प्रस्तुति है।

राज्य का लोक नाट्य है

स्वांग

राज्य व देश में सांग की शुरूआत

1730

देश का प्रथम सांगी

किशनलाल भट्ट (मेरठ)

राज्य में सांग की नींव रखी थी

किशनलाल भट्ट ने

सांग में प्रयुक्त वाद्य यन्त्र

बैजू, पेटी, ढोलक, नगाड़ा, बीन, तुम्बा, घड़वा, डमरू, डेरू व टीकरी

राज्य का प्रथम सांगी

पं. दीपचन्द बहमन । जन्म – गांव शेरखांदा (सोनीपत)

हरियाणा का शेक्सपीयर तथा कालीदास कहा जाता है

पं. दीपचन्द बहमन

स्वांग के कितने वर्ग हैं

दो

(1) कीर्तन शैली; (2) नौटंकी शैली

स्वांग की खोज की थी -

रिचर्ड टैम्पल

स्वांग का आयोजन किया जाता है

लकड़ी के तख्तों पर

स्वांग में कुल कलाकारों की संख्या -

20 से 30 तक

हरियाणा का सबसे प्राचीन स्वांग

रामलीला व रासलीला

हरियाणवी सांग का सबसे पहला वर्णन मिलता है

सांग राजा सत्न सैन (लाडवा) कुरुक्षेत्र ग्रंथ 14वीं शताब्दी के ग्रंथ में

मिमिक्री/नकल किसका अभिन्न अंग है

स्वांग

सांग प्रारम्भ करने से पहले सांगी किसकी पूजा करते हैं

देवी भवानी

सांग प्रारम्भ करने से पहले बोली जाने वाली चार लाईनों की कविता कहलाती है

चम्बौला

सांग की चम्बौला श्रेणी का जनक है

हरदेव स्वामी।
जन्म – गोलर (रोहतक)

हरियाणा का प्रथम सफल सांग

सीला सेठानी।

लेखक -पं. नेतराम

हरियाणा की प्रथम महिला सांगी

सरदारी बैगम (कलायत)

सात्विक व आध्यात्मिक सांगों की रचना की थी

बाजे भगत।

गांव सिसाणा (सोनीपत)

सांग पर आधारित पुस्तक

नौरंगे ईश्क। 

लेखक महाकवि श्याम मलिक

हरियाणा के वर्तमान में राजकीय सांगी हैं

धर्मबीर भगाणा

राज्य का एकमात्र सांगी जिसको पदमश्री मिला है

श्री तुलेराम कौशिक

नोट : ये पं. लख्मीचन्द के पुत्र हैं।

राज्य के किस सांगी को सूर्य कवि कहा जाता है

पं. लख्मीचन्द

सांगी पं. लख्मीचन्द का जन्म

जांटी कलां गांव, सोनीपत

राज्य के किस सांगी पर शोध किया गया है

पं० लख्मीचन्द

पं. लख्मीचन्द ने कितने सांगों की रचना की थी

25

किस व्यक्ति ने पं. लख्मीचन्द को वेदों, उपनिषदों व पुराणों की शिक्षा दी थी

टीकाराम शास्त्री,

टिटोली गांव, रोहतक

प्रसिद्ध सांगी व हरियाणवी गायक जो आजाद हिन्द फौज में सिपाही था

फौजी मेहर सिंह

(गांव बरोंणा, सोनीपत)

पं. लख्मीचन्द के प्रमुख सांग

राजा भोज, गोपीचन्द, भृर्तहरी, द्रौपदी चीरहरण, सत्यवान सावित्री, शकुन्तला, नल दमयन्ती

बाजे भगत के प्रमुख सांग

चन्द्रकिरण, जमाल व जानी चोर

अहमद बख्श के प्रमुख सांग

रामायण, जयमल पता, गुग्गा चौहान, सोरठ, कंसलीला, चन्द्रकिरण नवलदे

हरदेव के प्रमुख सांग

हीर रांझा, जानी चोर, चन्द्र किरण

मांगेराम के प्रमुख सांग

कृष्ण जन्म, ध्रुव भक्त, नवरत्न, दुष्यन्त शकुन्तला

अलीबख्श खां के प्रमुख सांग

राजा नल का बगदाव, प‌द्मावत, कृष्णलीला, निहालदे, चन्द्रावल, महाराज शिवदान सिंह का बारहमासा

पं० शंकरलाल के प्रमुख सांग

पद्मिनी, भूरा बादल, मोरध्वज, पहलाद

बंसीलाल के प्रमुख सांग

गुरु गुगा, राजा गोपीचन्द, राजा नल, सरवर नीर, ध्रुव भक्त

राज्य में कवि शिरोमणी कहा जाता है

पण्डित मांगेराम

हरियाणवी संगीत का वर्णन किस ग्रंथ में मिलता है-

हरिवंश पुराण

पं. लख्मीचन्द कला व संस्कृति यूनिवर्सिटी

अटेरना, सोनीपत

सांग की शुरूआत किस नृत्य से होती है

गूंगा धमोड़ा

सांग साहित्य का स्वर्णकाल

1930-1937

हरियाणा लोक थियेटर का प्रथम जनक -

उस्ताद अली बख्श जनरैल खान, पटियाला घराना

हरियाणा लोक थियेटर का आधुनिक जनक

पं. लख्मीचन्द

नोटः हरियाणा लोक मंच का संस्थापक राजा राम शास्त्री को कहा जाता है।

कुरुक्षेत्र का प्रसिद्ध सांगी था

अहमद बख्श थानेसरी

रामायण सांग का कौरवी भाषा में मंचन किसने किया था

अहमद बख्श थानेसरी

पं. दीपचन्द के सांगों का प्रमुख उद्देश्य था

अंग्रेजी सरकार में सेना की भर्ती के लिए युवाओं को तैयार करना

हरदेव स्वामी किसके शिष्य थे

दीपचन्द के

19वीं शताब्दी के अन्त का प्रसिद्ध सांगी था

पं. नेतराम

नोटः शीला सेठानी इनका प्रसिद्ध सांग था।

हरियाणा का प्रथम सफल सांग

शीला सेठानी

19वीं शताब्दी में राज्य के प्रमुख सांगी-

अली बख्श व अम्बाराम

20वीं शताब्दी के प्रारम्भ का प्रमुख सांगी

पं. दीपचन्द

'जयमल डटिये, रंग फेरिये न, आंख्यां मैं घाल्या काजल और पैरां में पहरी पायल' प्रसिद्ध रागनियां हैं

मधु शर्मा की (पेहवा)

प्रमुख सांगी एवं उनके गुरु-

बाजे भगत- हरदेव

धनपत सिंह- जमुवा पीर

चन्दगीराम – धनपत सिंह

धर्मबीर – चन्दगीराम

पं. दीपचन्द-छज्जुराम

पं. लख्मीचन्द – मानसिंह व टीकाराम शास्त्री

मांगेराम – पं. लख्मीचन्द

फौजी मेहर सिंह- पं. लख्मीचन्द

हरदेव स्वामी-दीपचन्द

दयाचन्द मायना- छाजूलाल

आधुनिक लख्मीचन्द कहा जाता है

मास्टर सतबीर जमदग्नि, सोनीपत

सांग में रागणी का पुट डालने का श्रेय जाता है

संत सांगी बाबा हरिदास को

कौरवी बोली थानेसरी सांग कला स्थापित की थी

योगेश्वर बालक नाथ

इन्दर सभा सांग की रचना

सैयद आगा हसन अमानत

सांग में प्रयुक्त राग

भैरव, भैरवी, तोड़ी, कल्याण, मालकौस तथा असावरी

सांग में प्रयुक्त लोक रूप

कहरवा, दादरा तीन ताल, रूपक

सांग में प्रयुक्त रस

श्रृंगार रस, शान्त रस, वीर रस

पं. दीपचन्द का प्रथम सांग था

सोरठ

राज्य के सांगी पं. दीपचन्द को ब्रिटिश सरकार द्वारा किस उपाधि से नवाजा गया था ?

राय साहब

राज्य के किस सांगी को पं. दीपचन्द का उत्तराधिकारी माना जाता है ?

सांगी हरदेव

राज्य के किस सांगी ने सांग मंचन में 'कमीज' के स्थान पर 'अंगिया' के प्रयोग की शुरूआत की थी ? -

सांगी हरदेव

20वीं शताब्दी के अन्त तक सांग को उत्कृष्टता तक किस सांगी ने पहुंचाया था ?

पं. दीपचन्द

पं. लख्मीचन्द का कौन सा सांग सुन्दरता का सम्पूर्ण दृश्य है ?

पद्मावत

रागनी के वर्तमान स्वरूप के जन्मदाता है -

पं. लख्मीचन्द

नोट: 1884 ई. में प्रकाशित ‘टू लेजेंड्स ऑफ पंजाब’ पुस्तक में सांगी बंशीलाल ने ‘राजा गोपीचन्द’ के स्वांग का उल्लेख/वर्णन किया है।

गंगा जी तेरे खेत में' गीत के रचयिता सांगी

पं. मांगेराम

पंडित लख्मीचंद की प्रमुख गायन शैली है

डोल्ली

पंडित लख्मीचंद ने 18 वर्ष की आयु में 1921 में पहली बार किस अखाड़े में अपने गायन की प्रस्तुति दी थी ?

सोहन सिंह के अखाड़े में

पंडित दीपचंद के प्रथम सांग 'सोरठ' का चर्चित नायक था

कुतुबी

किस मुगल शासक ने सांग पर प्रतिबंध लगा दिया था ?

औरंगजेब

सांगी रामकिशन व्यास का सम्बन्ध राज्य के किस जिले से है?

नारनौल

पंडित मांगेराम की प्रसिद्ध रागनी 'तू राजा की राज दुलारी' को किस बॉलीवुड फिल्म में गाया गया है?

ओए लकी, लकी ओए

अहमद बक्श थानेसरी किस अखाड़े के कलाकार थे ?

भादर अखाड़े

सांगी सादुल्ला (गांव- अक्ड़ेहा, नूंह) द्वारा महाभारत का शीर्षक है

पंडून का कड़ा

सांग के प्रकार है

3 (तीन)

1) प्रहसन आधारित सांग

2) मांगलिक मौको के सांग

3) लोक संस्कृति के उत्सवों से सम्बन्धित सांग

हरियाणा में सांग की प्रणालियों (घरानों) की संख्या है

4

( 1. पं. लख्मीचंद प्रणाली, 

  2. पं. बाजे भगत प्रणाली,

   3. पं. मांगेराम प्रणाली, 

   4. राय धनपत सिंह प्रणाली )

वर्तमान में राज्य के प्रसिद्ध सांगी डॉ. कश्यप (सतीश जार्ज कश्यप) का सम्बन्ध है

हिसार

(इनका प्रसिद्ध सांग कृष्णा है जो संस्कृत के श्लोकों पर आधारित है।)

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