हरियाणा के खनिज संसाधन, प्रमुख उद्योग

खनिज संसाधन

हरियाणा में महेंद्रगढ़ को खनिजों का शहर कहते हैं। क्योंकि ज्यादातर खनिज महेंद्रगढ़ में मिलते हैं।
  1. महेंद्रगढ – लौह अयस्क, चूने का पत्थर, (कायनाइट, वर्मिक्यूलाइट, कैल्साइट, कच्चा लोहा) क्वार्ट्ज, संगमरमर, तांबा, अभ्रक, एस्बेस्टस नोट :-महेंद्रगढ़ में क्वार्ट्ज के 1,65,000 टन अनुमानित भण्डार है।
  2. तोशाम – सीसा, कलई, टंगस्टन, जस्ता
  3. नारनौल अभ्रक, बैराइट, तांबा
  4. रोहतक – चूने का पत्थर, बजरी, रेवदार यूना
  5. गुडगांव – चीनी मिट्टी, कांच बालू, भवन निर्माण सामग्री
  6. हिसार, करनाल, गुडगांव – शीरा
  • अम्बाला जिले के ट्राडयथर तथा झकरों में रेवेदार चुना मिलता है।
  • कलियाणा (दादरी) में पूरे भारत में एक मात्र जगह है। जहाँ हिलना पत्थर मिलता है।

हरियाणा के प्रमुख उद्योग

  • हरियाणा में उद्योगों का विकास वर्ष 1960 के पश्चात् प्रारम्भ हुआ, जिसमें कषि एवं खनिज संसाधनों (चुने-पत्थर, संगमरमर और लौह अयस्क) पर आधारित उद्योगों को प्राथमिकता व प्रोत्साहन दिया गया ।
  • हरियाणा में विभिन्न प्रकार के उद्योगों का विकास हुआ है,
  •  जिसमें कृषि आधारित उद्योग, वस्त्र उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, पेट्रोकेमिकल्स उद्योग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी उद्योग, बायोटेक उद्योग, रियल एस्टेट एवं निर्माण उद्योग आदि शामिल है।
  • राज्य में ऑटोमोबाइत उद्योग सर्वाधिक प्रसिद्ध है
  •  यहाँ देश के सर्वाधिक ट्रेक्टरों का निर्माण होता है। 
  • हरियाणा में ट्रेक्टर का कारखाना फरीदाबाद में है।

राज्य के प्रमुख उद्योग धंधे

  • विनिर्माण दक्षेत्र का हरियाणा राज्य की अर्थव्यवस्था में व्यापार व कृषि के बाद तीसरा स्थान है।
  • हरियाणा में लगभग 1347 छोटे-बडे उद्योग तथा 80,000 के लगभग लघु इकाईयाँ उत्पादन में कार्यरत है।
  • महेंद्रगढ़ जिला औद्योगीकरण में पिछडा जिला है।
  • हरियाणा विशेष आर्थिक क्षेत्र एक्ट वर्ष 2006 में लागू हुआ था।
  • रत्न एवं आभूषण पार्क गढी हरसरू में विकसित किया जा रहा है।
राज्य के उद्योग धन्धों को तीन भार्गो में विभाजित किया जा सकता है,
  • (क) स्थानीय खनिज पदार्थों पर आधारित उद्योग
  • (ख) वर्षों तथा कृषि पर आधारित उद्योग
  • (ग) इंजीनियरिंग उद्योग
  1. हरियाणा उद्योगिक तथा निवेश नीति 1 जनवरी 2011 को प्रभावी हुई थी ।
  2. सेठ डालमिया सीमेंट फैक्ट्री का अधिग्रहण 1981 में सी. सी. आई ने किया ।
  3. हरियाणा प्रदेश लघु उद्योग और निर्यात निगम की स्थापना 19 जुलाई 1967 में की थी ।
  4. हरियाणा गठन के समय औद्योगिक दृष्टि से एक अल्पविकसित राज्य था ।
  5. पर्याप्त खनिज संसाधनों के अभाव के कारण राज्य में उद्योग-धंधों का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया था।
  6. परिणामस्वरूप राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि बनी रही ।
  7. वर्ष 1980 के पश्चात हरियाणा ने खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यधिक विकास किया ।
  8. हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से एक छोटा-सा राज्य है, परन्तु आर्थिक वर्ष 2016-17 के अनुसार राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पादन में हरियाणा का 3.6 प्रतिशत का योगदान रहा ।
  9. वर्ष 2017-18 के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 65 प्रतिशत वृद्धि की अपेक्षा राज्य में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि दर्ज की गई है।

हरियाणा में स्थापित चीनी मिलें

  1. पानीपत सहकारी चीनी मिल 1956
  2. रोहतक सहकारी चीनी मिल 1956
  3. करनाल सहकारी चीनी मिल 1977
  4. शाहबाद सहकारी चीनी मिल 1984-85
  5. महम सहकारी चीनी मिल 1991
  6. हैफेड सहकारी चीनी मिल, असंध, करनाल 2008-09
  7. सरस्वती सहकारी चीनी मिल 1933 (प्रथम व सबसे बडी 800 टन प्रतिदिन)
  1. हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल संघ की स्थापना 1966 में हुई ।
  2.  वर्तमान में 11 सहकारी चीनी मिलें है जिनमें से 10 मिलों का संचालन चीनी मिल प्रसंघ कर रहा है परन्तु असंध की चीनी मिल का संचालन हैफेड द्वारा किया जा रहा है। 
  3. हैफेड की स्थापना 1 Nov 1966 में हुई ।

जिलों के अनुसार हरियाणा में उद्योग

गुरुग्राम

बेनेटॉन समूह:-
  • बेनेटॉन समूह की एक औद्योगिक इकाई हरियाणा की साइबर सिटी गुरुग्राम में स्थित है। यह कम्पनी वैश्विक स्तर पर कपडा, जूता, बैग तथा अन्य वस्तुएं बनाती है।
ओरिएण्ट क्राफ्ट लिमिटेड:-
  • ओरिएण्ट क्राफ्ट लिमिटेड एक गैर-सरकारी कम्पनी है जिसकी स्थापना 28 फरवरी 1978 को की गई थी। यह एक प्रमुख निर्यातक कम्पनी है। इसकी एक उत्पादन शाखा हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है।
मारुति सुजुकी:-
  • भारत में मारुति सुजुकी की प्रथम उत्पादन इकाई हरियाणा के गुरुग्राम में (1983) में स्थापित है ।
मुंजाल शोवा लिमिटेड कम्पनी:-
  • मुंजाल शोवा लिमिटेड कम्पनी मुख्य रूप से टू-व्हीलर तथा फोरव्हीलर वाहनों में प्रयुक्त होने वाली शॉक आब्जर्वर का निर्माण करती है। इसकी एक उत्पादन इकाई हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित है।
SRF लिमिटेड कम्पनी:-
  • SRF लिमिटेड कम्पनी मुख्य रूप से इंजीनियरिंग प्लास्टिक, औद्योगिक फाइबर, सिंथेटिक्स कैमिकल्स तथा पैकेजिंग फिल्म बनाती है। हरियाणा के गुरुग्राम में SRF की उत्पादन इकाई तथा मुख्यालय भी शापित है।
जेनपैक्ट कम्पनी:-
  • जेनपैक्ट कम्पनी की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी। पह बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) से सम्बन्धित भारतीय कम्पनी है।
  • जैनपैक्ट कम्पनी का मुख्यालय गुरुग्राम में स्थित है।
टाटा कन्सल्टेंसी सर्विस (TCS):-
  • टाटा कन्सल्टेंसी सर्विस (TCS) भारत की एक प्रसिद्ध बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी, बिजनेस प्रोरीस आउटसीरिंज तथा सॉफ्टवेयर सेवाओं से सम्बन्धित सेवा प्रदाता कम्पनी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1968 में जे.आर.डी. टाटा तथा एफ.सी. कोहली द्वारा की गई थी।
  • हरियाणा के गुरुग्राम में TCS के पाँच कॉर्पोरेट सेण्टर स्थित है।
कैनन कम्पनी:-
  • हरियाणा के गुरुग्राम में कैनन कम्पनी का अनुसन्धान एवं सॉफ्टवेयर डेवलपमेण्ट केन्द्र स्थित है।
रेनबेक्सी लेबोरेट्रीज:-
  • रेनडेक्सी लेबोरेट्रीज एक भारतीय फार्मास्यूटीकल कम्पनी है
  • जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में की गई थी। इसका मुख्यातय गुरुग्राम में स्थित है।
इली-लिली इण्डस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड:-
  • इली-लिली इण्डन्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी वैश्विक स्तर पर फार्मास्यूटिकल से सम्बन्धित कम्पनी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1976 में अमेरिका के व्यवसायी एवं फार्मिस्ट इली-लिली द्वारा की गई थी।
  • यह कम्पनी हरियाणा के गुरुग्राम जिले में जैविक औषधियों का चिकित्सकीय परीक्षण करती है।
बो-एग्रो सीड्‌स कम्पनी:-
  • बो-एग्रो सीड्स कम्पनी की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी। यह बेयर क्रॉप साइंस समूह की कम्पनी है।
  • इसकी प्रयोगशाला गुरुग्राम में स्थित है।
  • इस कम्पनी में जेनेटिक मार्कर एवं डीएनए फिंगर प्रिन्टर्स की सहायता से प्लाण्ट ब्रीडिंग कार्यों को प्रोत्साहन दिया जाता है।

रेवाडी

  • रेवाडी जिले में तीव्र गति से उद्योगों का विकास हो रहा है। रेवाडी पीतल के बर्तन उद्योग के लिए भारत में प्रसिद्ध है। यहाँ का तिल्ला जूती उद्योग भी प्रसिद्ध है।

भिवानी

भिवानी टैक्सटाइल मिल:-
  • सूती वस्त्र उद्योग वर्ष 1937 में भिवानी टैक्सटाइल मिल स्थापित की गयी थी।
  •  यहाँ वर्ष 1945 में सूती वस्त्र बनाने की पहली मिल लगाई गयी थी ।
सीमेण्ट फैक्ट्री :-
  • चरखी दादरी (  ये पहला भिवानी जिले में थी अब चरखी दादरी अलग जिला बन गया है |)
  •  इस फैक्ट्री का निर्माण वर्ष 1939 में सेठ रामकृष्ण डालमिया द्वारा कराया गया था।
  •  इसका निर्माण जर्मनी के इंजीनियरों द्वारा किया गया था। 
  • इस फैक्ट्री में प्रतिदिन लगभग 500 मीट्रिक टन से अधिक सीमेण्ट का उत्पादन होता है।
  • 23 जून, 1951 को इस कम्पनी को सीमेण्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया ने अधिगृहीत कर लिया ।
टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल:-
  • TITS की स्थापना वर्ष 1943 में की गई थी। 
  • इससे तैयार माल बांग्लादेश, तुर्की एवं बेल्जियम आदि देशों को भेजा जाता है।
हरियाणा खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड:-
  • हरियाणा में ग्रामीण स्तर पर खादी वस्त्र को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 1969 में खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड की स्थापना की गई है।
  • हरियाणा खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड का कार्य ग्रामीण दक्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, लोगों को आत्मनिर्भर बनाना तथा एक मजबूत ग्रामीण सामाजिक भावना का निर्माण करना है । इसके प्रथम अध्यक्ष चौधरी देवी लाल थे ।

सिरसा

  • 1975 में (इस जिले के गठन के समय) यहाँ पर केवल 483 लघु औद्योगिक इकाइयाँ तथा 2 मध्यम एव वृहत स्तर की इकाइयाँ स्थित थी । वर्तमान में सिरसा में लगभग 6,000 विकास लघु औद्योगिक इकाइयाँ हैं। जिले में कृषि आधारित उद्योगों हेतु काफी सम्भावनाएं है।

अम्बाला

  • हरियाणा का यह जिला दरी, इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्माण, गैस, मिक्सी-कम-ग्राइण्डर तथा वैज्ञानिक उपकरणों के उत्पादन के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है। देश. से होने वाले वैज्ञानिक उपकरणों के निर्यात का अकेले 20 प्रतिशत भाग अम्बाला की लघु स्तरीय औद्योगिक इकाइयों द्वारा किया जाता है।

रोहतक

  • एकल खिडकी योजना के कारण इस जिले का औद्योगिकीकरण तेजी से हो रहा है। विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों और होने के कारण बहादरगढ औद्योगिक दक्षेत्र का विकास तीव्र गति से हो रहा है। बहादरगढ Gataway of Haryana कहलाता है ।
  •  रोहतक में चीनी बनाने का कारखाना अवस्थित है।

सोनीपत

  • यहाँ का एटलस साईकिल उद्योग विश्व के तीन प्रमुख साइकिल निर्माण संस्थानों में से एक है । 
  • एकमात्र एटलस साइकिल को साइकिल निर्माण की तकनीकी जानकारी निर्यात करने का श्रेय (भारत में) है। 
  • एटलस के अतिरिक्त यहाँ मिल्टन साईकिल का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
  •  सोनीपत जिले को स्वर्ण नगरी (गोल्डन सिटी) भी कहा जाता है।
याकुल्ट डानोने इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड
  • याकुल्ट डानोने इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सोनीपत के साहा गाँव में एक फूड पार्क की स्थापना की गई है, 
  • जिसकी इकाई में फरमेटेड दूध की प्रतिदिन उत्पादन क्षमता 80 लाख बोतल है।
ग्लेक्सोस्मिथकिन कंडड्यूमर हैल्थ केयर लिमिटेड
  • यह इंग्लैण्ड आधारित इकाई है,
  •  जिसका सर्वाधिक प्रसिद्ध उत्पादन हॉरलिक्स है। यह इकाई सोनीपत जिले के खेडा ग्राम में स्थापित है।

फरीदाबाद

  • एस्कोटर्स एक भारतीय इंजीनियरिंग कम्पनी है जिसकी स्थापना वर्ष 1960 में हरि नन्दा एवं यूडी नन्दा द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर की गई थी। 
  • इसका मुख्यालय हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित है।
  • एस्कोटर्स कम्पनी मुख्य रूप से कृषि यन्त्र (ट्रेक्टर), भवन निर्माण, मटैरियल हैंडलिंग उपकरण, रेलवे उपकरण तथा ऑटोमोबाइल से सम्बन्धित कल-पुर्जे बनाती है।

महेन्द्रगढ

  1. यह औद्योगिक दृष्टि से एक पिछडा जिला है। 
  2. रेवाडी जिला बनने के पूर्व यहाँ मध्यम व वृहत उद्योग अवस्थित थे, 
  3. परन्तु रेवाडी जिला बनने के बाद ये सभी उद्योग रेवाडी जिले में चले गए तथा महेन्द्रगढ जिला उद्योग विहीन हो गया । 
  4. इस जिले को खनिज भंगुर के नाम से भी जाना जाता है
  • उद्योग                                       प्रमुख जिले/क्षेत्र
  • सीमेन्ट उद्योग                           सूरजपुर
  • साइकिल उद्योग                       सोनीपत, फरीदाबाद, जीद, पलवल 
  • कृषि यंत्र उद्योग                       फरीदाबाद 
  • कागज उद्योग                         यमुनानगर, फरीदाबाद, सोनीपत
  • इंजीनियरिंग उद्योग                  फरीदाबाद
  • ऊन उद्योग                             हिसार, पानीपत
  • चमडा उद्योग                          फरीदाबाद, जींद
  • कपडा उद्योग                          हिसार, भिवानी, फरीदाबाद, पानीपत
  • प्लास्टिक उद्योग                      फरीदाबाद
  • इलेक्ट्रॉनिक उद्योग                  पंचकुला, गुडगाँव, अम्बाला
  • मारुति उद्योग                          गुडगाँव
चीनी – मि‌ट्टी बर्तन उद्योग – गुडगाँव, बहादुरगढ
ताँबा – पीतल बर्तन उद्योग -रेवाडी

पानीपत

  • देश की राजधानी के निकट होने तथा यातायात के साधनों से पूर्ण रूप से जुड़े होने के कारण पानीपत जिले का उद्योगों में महत्वपूर्ण स्थान है।
  • यहाँ से निर्मित हथकरघे द्वारा बनी दरिया, बेड कवर, गलीचे (कालीन) टेबल मैट्स, अचार, सूखी सब्जियों आदि का ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, फ्रांस, स्पेन, ब्रिटेन, स्विट्‌जरलैण्ड, जर्मनी तथा खाड़ी देशों को निर्यात किया जाता है। 
  • पानीपत को बुनकरों का शहर भी कहा जाता है।
इस जिले के प्रमुख उद्योग निम्न है-
नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड
  • यहां मुख्य रूप से नाइट्रोजन उर्वरक का उत्पादन होता है। 
  • इस उर्वरक के प्रयोग से प्रतिवर्ष 20 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन होता है।
तेलशोधक कारखाना
  • इसकी स्थापना वर्ष 1960 में करनाल के बाहौली में की गई थी ।
  •  पानीपत जिले का गठन होने तथा बाहौली पानीपत जिले का भाग बनने के कारण इसका नाम पानीपत तेलशोधक कारखाना कर दिया गया है। 
  • यह देश का अत्याधुनिक तथा सबसे बड़ा तेलशोधक कारखाना है।
  •  इसकी उत्पादन क्षमता प्रतिवर्ष लगभग 15 मीलियन मीट्रिक टन है।
कैप्टिव विद्युत संयन्त्र
  • राज्य में विद्युत सप्लाई के उतार-चढ़ाव आदि से उर्वरक खपत को बचाने के लिए पानीपत में इस सयन्त्र की स्थापना की गई है। 
  • हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा करबे में वर्ष 1900 नेस्ले इण्डिया की इकाई की स्थापना की गई है।
  • यह बहुराष्ट्रीय कम्पनी अनेक प्रकार के खाद पदार्थ, जैसे फूड, दुग्ध उत्पाद, पेय पदार्थ, चॉकलेट आदि का उत्पादन करती है।
  •  इण्डियल ऑयल कॉर्पोरेशन सार्वजनिक क्षेत्र की तेल शोधन और विपणन करने वाली कम्पनी है। 
  • यह कम्पनी मुख्य रूप से पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, LPG, लुब्रीकेन्ट्स तथा ग्रीस बनाती है। इसकी एक इकाई हरियाणा के पानीपत जिले में स्थित है।

यमुनानगर

  • भौद्योगिक रूप से विकसित हरियाणा के इस जिले में सभी लघु मध्यम तथा बडी औद्योगिक इकाइयों द्वारा चीनी, मशीनों के कल-पुर्जे, शराब आदि का निर्माण किया जाता है।
  • इन इकाइयों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का निर्यात जर्मनी, जिम्बाब्वे, नेपाल, दुबई, सीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, केन्या रूस, दक्षिण अफ्रीका इत्यादि देशों को किया जाता है।
  • यमुनानगर को पेपर सिटी (कागज नगर) के नाम से भी जाना जाता है।

इस जिले की प्रमुख औद्योगिक इकाईयाँ निम्न प्रकार है

बल्लारपुर (बिल्ट) पेपर मिल
  • वर्ष 1929 में इस मिल की स्थापना मैसर्स पंजाब पल्प एण्ड पेपर मिल अब्दुल्लापुर लिमिटेड के नाम से हुई थी। 
  • वर्तमान में इस मिल में 7 पेपर मशीन, 2 कटिंग प्लाण्ट, 3 लेमिनेशन मशीनें तथा एक आधुनिक सी एस सी प्लाण्ट है। 
  • इस मिल में वनस्पति घी, रिफाइण्ड तेल कास्टिक सोडा तथा उच्च स्तर के (लिखने व मुद्रण करने के) कागज का उत्पादन किया जाता है।

यमुना गैसेज लिमिटेड

  • औद्योगिक गैसों के उत्पादन के लिए इसकी स्थापना वर्ष 1973 में की गई थी। 
  • वर्ष 1988 में इस कम्पनी का नाम यमुना गैसेज व कैमिकल्स लिमिटेड कर दिया गया है। 
  • इस कम्पनी ने वर्ष 1975 में औद्योगिक गैसों के उत्पादन में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
सरस्वती शुगर मिल
  • सरस्वती शुगर मिल की स्थापना वर्ष 1933 में लाहौर में की गई थी।
  •  यमुनानगर में स्थापित यह मिल सरस्वती औद्योगिक सिण्डिकेट लिमिटेड की एक इकाई है। 
  • इस चीनी मिल को देश की पुरानी 410 यीनी मिलों में से सर्वाधिक (8,000 टन प्रतिदिन की) गन्ना पिराई की क्षमता का गौरव प्राप्त है।
रेलवे कैरिज या वैगन वर्कशॉप
  • रेलवे कैरिज तथा वैगन वर्कशॉप की स्थापना वर्ष 1952 में 3 कोचिंग स्टॉक यूनिटों तथा 9 गुड्स स्टॉक यूनिटों की प्रतिदिन मरम्मत करने की न्यूनतम सुविधाओं के साथ ‘जगाधरी’ में की गई थी ।
  • भारतीय रेलवे के अस्तित्व में आने के बाद यह वर्कशॉप उत्तर रेलवे के एक भाग के रूप में कार्य कर रहा है। 
  • भारतीय रेलवे का यह एकमात्र वर्कशॉप है जहाँ शताब्दी एक्सप्रेस का मरम्मत का कार्य किया जाता है।
टिम्बर मार्किट
  • वर्ष 1947 से पूर्व यह लकडी मंडल अब्दुल्लापुर के नाम से प्रसिद्ध थी । 
  • लगभग 100 एकड में विस्तृत इस मंडी में सागवान, शीशम, कीकर, सफेदा, चीड आदि लकडियों का व्यापार होता है।

राज्य में प्रमुख तकनीकी शोध संस्थान

  • राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल (1955)
  • हरियाणा डेयरी परिसंघ 1970 केंद्रीय मिट्टी लवणता
  • अनुसंधान संस्थान करनाल (1969)
  • गेहूं अनुसंधान निदेशालय करनाल (1978)
  • राष्ट्रीय पशु अनुवांशिकी संस्थान – करनाल (1984)
  • केंद्रीय भैस अनुसंधान संस्थान – हिसार (1985)
  • अश्व अनुसंधान संस्थान – हिसार (1986)
  • राष्ट्रीय समन्वित पेस्ट मैनेजमेंट शोध संस्थान फरीदाबाद (1988)
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान – कुरुक्षेत्र
  • राष्ट्रीय ब्रेन शोध संस्थान नैनवाल (मानेसर) 1997 –
  • भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान – किलोर्द (सोनीपत)
  • इंडियन इंस्टीट्‌यूट मैनेजमेंट – रोहतक (2009)
  • औद्योगिक विकास केंद्र बावल (रेवाडी)
  • भारत का सबसे बडा कैंसर संस्थान व राष्ट्रीय हृदय
  • अनुसंधान संस्थान ए.आई.आई.एम.एस. (बाढसा) झज्जर
  • केंद्रीय प्लास्टिक अभियंत्रण एवं प्रौद्योगिकी संस्थान मुरथल
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंटरखेनियरशिप
  • एंड मैनेजमेंट – सोनीपत
  • राजीव गांधी एजुकेशन सिटी – कुण्डली (सोनीपत) 2005

हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड

  • एक कंपनी के रूप में एच.पी.जी.सी.एल. की स्थापना 17 मार्च 1997 को की गई थी।
  • 14 अगस्त 1998 को राज्य विद्युत बोर्ड का पुनर्गठन किया गया था।
  • विद्युत क्षेत्र में कार्यकुशलता के दृष्टिकोण से हरियाणा का भारत में तीसरा स्थान है।
  • हरियाणा प्रतिवर्ष 85 मगावाट बिजली का बचत करता है।
  • HREDA (HARAYANA RENEWABLE ENERGY DEVELOPMENT AGENCY) की स्थापना वर्ष 1977 में की गई थी।
  • HPGCL की कुल स्थापित क्षमता 5961.21 मेगावाट
  • भारत में 100% ग्रामीण विद्युतीकरण का लक्ष्य सर्वप्रथम 29 नवंबर 1970 को हरियाणा ने प्राप्त किया था।
नोट :-
  1. अरावली सुपर तापीय विद्युत परियोजना झज्जर (4 मार्च 2011) इसे इंदिरा गांधी तापीय विद्युत परियोजना भी कहते हैं।
  2. गैस आधारित तापीय विद्युत परियोजना – फरीदाबाद (1500 मेगावाट)
  3. पश्चिमी यमुना नहर विद्युत परियोजना – यमुनानगर
  4. कोकरोई सूक्ष्म जल विद्युत योजना (कोकरोई) सोनीपत
  5. नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र 2800 मेगावॉट फतेहाबाद (गोरखपुर)
सौर ऊर्जा
  • राज्य में सौर ऊर्जा ताप का अवशोषण स्तर 5.5-6.5kw/h प्रति वर्ग मीटर है तथा राज्य में वर्ष में 320 दिन उपलब्ध है जिसमें सूर्य का ताप प्राप्त होता है।
  • यमुनानगर में भूद्रकला गाँव में सौर विद्युत केंद्र स्थापित होगा।
पवन ऊर्जा
  • पवन ऊर्जा के लिए उपयुक्त क्षेत्र मोरनी की पहाडियाँ तथा अरावली की पहाडियां है।
  • पवन की पर्याप्तता आंकने के लिए मॉनिटरिंग स्टेशन पंचकूला, गुडगांव, महेन्द्रगढ

हरियाणा सामान्य ज्ञान

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