हरियाणा की बोली/भाषा, साहित्य एवं संस्कृति

हरियाणवी संस्कृति समृद्ध संस्कृति है, जिसका पूरे भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी डंका है। हरियाणा का नाम लेते ही हमारे मस्तिष्क में एक ऐसे प्रदेश की छवि उभर आती है जिसकी पुरातन धरोहर अत्यंत समृद्ध है और वर्तमान में भी जो देश के सर्वाधिक समृद्ध राज्यों में से एक है। वैदिक भूमि हरियाणा भारतीय सभ्यता का पालना रही है। भारतीय परम्पराओं में इस क्षेत्र को सृश्टि की आधात्री की मान्यता दी जाती है, जहां ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ करके सृष्टि का सृजन किया था। सृजन के इस सिद्धांत की पुष्टि पुरातत्वविद गाय ई.पिलग्रिम की पुरातात्विक खोज में भी होती है जिसके अनुसार डेढ़ करोड़ साल पहले मनुष्य हरियाणा की शिवालिक की पहाड़ियों में रहता था। वामनपुराण के अनुसार राजा कुरु ने कुरुक्षेत्र की पावन भूमि में सात कोस क्षेत्र में भगवान शिव के वाहन नंदी को सोने के धार-फार से युक्त हल में जोतकर कृषि युग की शुरुआत की थी।

हरियाणा के नाम की उत्पत्ति के संबंध में बहुत सी व्याख्याएं हैं। हरियाणा एक प्राचीन नाम है। पुरातन काल में इस भू-भाग को ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त और ब्रह्मोप्देष के नाम से जाना जाता था। ये नाम हरियाणा की इस धरा पर भगवान ब्रह्मा के अवतरण; आर्यों का निवास स्थान और वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर आधारित हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह क्षेत्र सृजन की भूमि है और इस धरा पर स्वर्ग के समान है। इसके अन्य नाम बहुधान्यक व हरियानक इस क्षेत्र में खाद्यान्नों और वनस्पति की प्रचुरता के परिचायक हैं।’ जिला रोहतक के बोहर गांव से मिले शिलालेख के अनुसार इस क्षेत्र को हरियानक के नाम से जाना जाता था। यह शिलालेख विक्रमी सम्वत् 1337 के दौरान बलबन काल से सम्बन्धित है। सुल्तान मोहम्मद-बिन-तुगलक के शासनकाल के एक पत्थर पर ‘हरियाणा’ शब्द अंकित है। धरणीधर ने अपनी रचना अखण्ड प्रकाश में लिखा है कि ‘यह शब्द ‘हरिबंका’ से लिया गया है, जो भगवान हरि की पूजा भगवान इंद्र से जुड़ा है। एक अन्य विचारक, गिरीश चंदर अवस्थी इसकी उत्पत्ति ऋग्वेद से मानते हैं, जिसमें हरियाणा नाम को राजा (वासुराजा) के नाम के साथ सार्वनामिक विशेषण के रूप में प्रयोग किया गया है। उनका मत है कि इस क्षेत्र पर उस राजा ने शासन किया था और इस तरह से इस क्षेत्र का नाम हरियाणा उनके नाम पर पड़ गया।

हरियाणा का गौरवपूर्ण अतीत अनेक मिथकों, किवदंतियों और वैदिक संदर्भों से भरा हुआ है। महर्षि वेदव्यास ने इसी पावन धरा पर महाभारत काव्य की रचना की। पांच हजार साल पहले यहीं पर महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य संदेश देकर कर्तव्यबोध कराया था। उन्होंने कहा था कि ‘हे मनुष्य तू कर्म कर, फल की चिंता मत कर’ तभी से कर्म का यह दर्शन मानवमात्र का प्रकाश स्तंभ की तरह हर समय मार्गदर्शन कर रहा है।

महाभारत काल से ही हरियाणा बहुधान्यक व बहुधना प्रदेश के रूप में विख्यात है। महाभारत के युद्ध से पहले भी कुरुक्षेत्र में दस राजाओं की लड़ाई हुई थी लेकिन महाभारत का युद्ध धर्म की स्थापना के लिए लड़ा गया था। इसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का पावन संदेश दिया था, जिससे कुरुक्षेत्र पूरे विश्व में विख्यात हो गया।

हरियाणा क्षेत्र अनेक युद्धों का साक्षी रहा है क्योंकि यह उत्तर भारत का प्रवेश द्वार है। हूणों, तुर्कों और तुगलकों ने अनेक बार भारत पर आक्रमण किया और हरियाणा की भूमि पर निर्णायक लड़ाइयां लड़ी गईं। 14वीं शताब्दी के अंत में तैमूरलंग ने इसी क्षेत्र से दिल्ली में प्रवेश किया था। 1526 में मुगलों ने पानीपत की ऐतिहासिक भूमि पर इब्राहिम लोधी को पराजित किया। पानीपत में ही 1556 में एक ओर निर्णायक युद्ध लड़ा गया, जिसने सदियों तक मुगलों को अपराजित शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। 18वीं शताब्दी के मध्य में मराठाओं ने हरियाणा पर अपना शासन स्थापित किया। भारत में अहमदशाह दुर्रानी के आक्रमण, मराठा शक्ति के उत्थान और मुगलों के पतन के बाद अंततः अंग्रेजी शासन का आगमन हुआ।

वास्तव में हरियाणा का इतिहास साहसी, धर्मनिश्ठ और गौरवशाली लोगों के संघर्ष की गाथा है। प्राचीनकाल से ही हरियाणा के बहादुर लोगों ने बड़े साहस के साथ विदेशी आक्रमणकारियों की सेनाओं का डटकर मुकाबला किया। इन तमाम झंझावातों का सामना करते हुए भी हरियाणा के लोग अपनी गरिमामयी परम्पराओं और इस पावन भूमि के गौरव को बनाए हुए हैं। 1857 में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में यहां के वीरों ने शहादत, त्याग और वीरता का नया इतिहास रचा, जो इस कर्मभूमि की विषेशता को दर्शाता है। हरियाणा के वीरों ने सदैव ही राष्ट्रविरोधी शक्तियों का डटकर मुकाबला किया है।

हरियाणा का समाज सदैव विभिन्न जातियों, संस्कृतियों और धर्मों का मिश्रण रहा है। इस भूमि पर ये सब मिले, आपस में एक-दूसरे से जुड़े और एक सच्चे भारतीय बनकर निखरे। यहीं पर हिन्दू संतों और सिख गुरुओं ने विश्व प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। महाकवि सूरदास का जन्म हरियाणा के जिला फरीदाबाद में स्थित गांव सीही में हुआ था, जो भारतीय संस्कृति का एक और केन्द्र है। भगवान श्री कृष्ण की कथा हरियाणा के हर आदमी की जुबान पर है। पशुओं के प्रति प्रेम और आहार में दूध की प्रचुरता के कारण इसे दूध-दही की नदियों वाले प्रदेश के रूप में विश्वव्यापी प्रसिद्धि मिली।

भारतीय गणराज्य के एक अलग प्रदेश के रूप में हरियाणा की स्थापना 1 नवम्बर, 1966 को हुई। देश के भौगोलिक क्षेत्र का 1.37 प्रतिशत और जनसंख्या का दो प्रतिशत होने के बावजूद हरियाणा ने विभिन्न क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां प्राप्त की हैं जो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। हरियाणा विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास करते हुए अग्रणी राज्य बन गया है। हरियाणा आज दूध व खाद्यान्न उत्पादन में अव्वल है। यह आटोमोबाइल, आईटी और अन्य उद्योगों का बड़ा केन्द्र है। यहां अति उत्तम संचार सुविधाओं, विकसित औद्योगिक संपदाओं, चमचमाते चौड़े राजमार्ग, एक्सप्रेस वे, रेलमार्ग, मैट्रो रेल का जाल बिछ चुका है। उन पर बने अनेक ओवर ब्रिज व फ्लाईओवर यातायात को सुगम बना रहे हैं। राज्य का हर गांव बिजली की रोशनी से जगमगा रहा है और आने-जाने के लिए सड़कों से जुड़ा है। यही नहीं पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त नहरें व अन्य साधन प्रदेश में उपलब्ध हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी यहां आधुनिक शिक्षा के हर संकाय और विषय की शिक्षा देने के लिए अनेक विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान खुल चुके हैं।

 हरियाणवीं सांग, रागनी, हरियाणवी वेशभूषा, हरियाणवीं हास्य व्यंग्य और खान-पान इस संस्कृति के विशेष अंग है। हरियाणा को एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है जो वैदिक काल में वापस जाता है। राज्य लोकगीत में समृद्ध है। हरियाणा के लोगों की अपनी परंपराएं हैं। ध्यान, योग और वैदिक मंत्रों का जप करने की उम्र के पुराने रीति-रिवाजों को अभी भी जनता द्वारा देखा जाता है। मौसमी और धार्मिक त्यौहार इस क्षेत्र की संस्कृति की महिमा करते हैं।

 

  • हरियाणा के कुछ प्रमुख नृत्य : धमाल नृत्य, मंजीरा नृत्य, लूर नृत्य, डमरू, छठी नृत्य इत्यादि।
  • हरियाणा के कुछ प्रमुख त्यौहार : तीज, फाग, सलोमण (रक्षा बंधन), संक्रात (मकर सक्रांति), गूगा इत्यादि।
  • हरियाणा का पहनावा : ओढणा, छ्यामा, पीलिया, चुंदड़ी, डिमाच, दामण इत्यादि।

हरियाणवी भाषा या बोली

हरियाणवी भाषा को एक सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय भाषा के रूप में सराहा गया है। यह भाषा, भाषा न होकर एक बोली है जो इंडो आर्यन परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वैसे तो हरियाणवी में कई लहजे हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार बदल जाती है। उत्तर हरियाणा में बोली जाने वाली हरियाणवी थोड़ा सरल होती है तथा हिन्दी भाषी व्यक्ति इसे थोड़ा बहुत समझ सकते हैं। दक्षिण हरियाणा में बोली जाने वाली बोली को ठेठ हरियाणवी कहा जाता है। यह कई बार उत्तर हरियाणा वालों को भी समझ में नहीं आती ।

इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में हरियाणवी भाषा समूह के कई रूप प्रचलित हैं जैसे: बाँगर, राँघड़ी आदि।

राजस्थान से सटे जिले – महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों में अहिरवती, भिवानी, सिरसा और हिसार जिलों में बागड़ी, मेवात जिले में मेवाती और फरीदाबाद और गुड़गांव जिले में ब्रजभाषा बोलते हैं।

जींद और कैथल जिले में बांगरू बोली जाती है। कैथल, जींद, हिसार (नारनौल, उकलाना, हाँसी की तरफ), असंध, गोहाना में बोली जाने वाली हरियाणवी- बोली को  हरियाणवी के मानक और वास्तविक रूप के तौर पर जाना जाता है जो सोनीपत, झज्जर आदि में बोली जाने वाली हरयाणवी से अलग है।

  • हरियाणवी भाषा का विकास – शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
  • हरियाणवी भाषा पश्चमी हिंदी की उपभाषा है।
  • हरियाणवी में मुख्य तौर पर छह बोलियाँ है।
  • हरियाणवी में बांगरु भाषा का नामकरण किया है – डॉ० ग्रियर्सन ने।
  • देशी बोली किसे कहा जाता है – बांगरू को।
  • अहीरवाटी क्षेत्र को हिरी के नाम से भी जाना जाता है।
  • सूरदास – ब्रज के प्रसिद्ध हरियाणवी कवि हैं, इनका जन्म – वल्लभगढ के सीही गाँव में हुआ था।
  • कौरवी को – मानक हिंदी के विकास में प्रमुख बोली माना गया है। इसको अम्बालवी भी कहते हैं। डॉ० कैलाशचन्द्र सिंघल ने 650 शब्दों की सूची कौरवी में सम्मलित की है।
  • बागड़ क्षेत्र की बोली को – बागड़ी कहते हैं।

हरियाणा की भाषा और साहित्य

प्रश्न- 1. हरियाणा प्रदेश में भाषा का ज्ञान कब से उत्पन्न माना जाता है?

(a) 600 ई. पू. के बाद

(b) 1000 ई. पू. के बाद

(c) 1500 ई. पू. से पहले

(d) 700 ई. के बाद

Option (c) 1500 ई. पू. से पहले

प्रश्न- 2. हरियाणा प्रदेश की प्रथम ज्ञात भाषा कौन-सी थी?

(a) छान्दस

(b) प्राकृत

(c) कौरवी

(d) संस्कृत

Option (a) छान्दस

प्रश्न- 3. ‘छान्दस’ भाषा में कितने स्वर एवं व्यंजन थे?

(a) 40 स्वर एवं 26 व्यंजन

(b) 20 स्वर एवं 20 व्यंजन

(c) 24 स्वर एवं 26 व्यंजन

(d) 24 स्वर एवं 36 व्यंजन

Option (d) 24 स्वर एवं 36 व्यंजन

प्रश्न- 4. ‘छान्दस’ भाषा के तुरन्त बाद विकसित नई भाषा का क्या नाम था?

(a) शौरसेनी

(b) औदिच्य

(c) अहीरवाटी

(d) बंगरू 

Option (b) औदिच्य

प्रश्न- 5. हरियाणा राज्य में संस्कृत भाषा का विकास किस काल में हुआ?

(a) 600 ई. पू.

(b) 1000 ई. पू.

(c) 5वीं इस्वी

(d) 1000 ई.

Option (a) 600 ई. पू.

प्रश्न- 6. निम्न में से कौन-सी भाषा हरियाणा प्रदेश की प्राचीन भाषाओं में सम्मिलित की गई है?

(a) छान्दस

(b) संस्कृत

(c) कौरवी

(d) दी गई सभी भाषाएँ

Option (d) दी गई सभी भाषाएँ

प्रश्न- 7. हरियाणा राज्य की शासकीय भाषा कौन-सी है?

(a) हरियाणवी

(b) हिन्दी

(c) पंजाबी

(d) अंग्रेजी

Option (b) हिन्दी

प्रश्न- 8. हरियाणा में हिन्दी के बाद द्वितीय भाषा के रूप में किस भाषा को अपनाया गया है?

(a) अंग्रेजी

(b) हरियाणवी

(c) खड़ी

(d) पंजाबी

Option (d) पंजाबी

प्रश्न- 9. ‘सन्त गरीबदास’ का जन्म हरियाणा में कहाँ हुआ था?

(a) प्रेम नगर (रोहतक)

(b) छुड़ानी (झज्जर)

(c) सुखराली (गुड़गाँव)

(d) महेन्द्रगढ

Option (b) छुड़ानी (झज्जर)

प्रश्न- 10. मूलतः हरियाणवी भाषा को किस मुख्य बोली का ही रूप माना जाता है?

(a) कौरवी

(b) पाली

(c) भोजपुरी

(d) मिश्रित

Option (a) कौरवी

प्रश्न- 11. ‘कौरवी’ मूलतः किस मुख्य बोली का प्रारूप मानी जाती है?

(a) खड़ी 

(b) अपभ्रंश

(c) अवधी

(d) इनमें से कोई नहीं

Option (a) खड़ी 

प्रश्न- 12. हरियाणा काव्य को कितने कालों में बाँटा गया है?

(a) 3

(b) 5

(c) 2

(d) 4

Option (a) 3 (तीन)

प्रश्न- 13. हरियाणा में भक्तिकाल के किस सन्त कवि की वाणी में ठेठ हरियाणवी का प्रभाव था?

(a) गरीबदास                            

(b) जैतराम

(c) नित्यानन्द

(d) ये सभी

Option (d) ये सभी

प्रश्न- 14. ‘गंगा जल ठाणा’ मुहावरे का क्या अर्थ है?

(a) बल प्रदर्शन करना

(b) शरारत करना

(c) कसम खाना

(d) तृप्त हो जाना

Option (c) कसम खाना

प्रश्न- 15. ‘धिंकताणा करना’ मुहावरे का क्या अर्थ है?

(a) हानि पहुँचाना

(b) नष्ट करना

(c) गरीबी में दिन काटना

(d) जबरदस्ती करना

Option (d) जबरदस्ती करना

प्रश्न- 16. निम्न में से कौन-सा मुहावरा विवाह से सम्बन्धित है?

(a) ची बोलना

(b) कौली भरना

(c) हाथ पीले करना

(d) आल करना

Option (c) हाथ पीले करना

प्रश्न- 17. निम्न में से कौन-सा मुहावरा ‘खुशामद करने’ से सम्बन्धित है?

(a) चिलम भरना

(b) पूछ पाड़ना 

(c) सींग मारना

(d) भॉजी मारना

Option (a) चिलम भरना

प्रश्न- 18. निम्न में से कौन-सा कार्य ‘मिर्गी के दौरे पड़ने’ के अन्धविश्वास से जुड़ा हुआ है?

(a) तारा टूटना

(b) मुँडेर पर उल्लू (कोतरी) बोलना

(c) आँख का फड़कना

(d) चक्की व ऊखल (ओखली) पर बैठना

Option (d) चक्की व ऊखल (ओखली) पर बैठना

प्रश्न- 19. ‘सत्य सिद्धान्त प्रकाश’ की रचना किसने की?

(a) जैतराम

(b) गुलाम कादिर

(c) सन्त नित्यानन्द

(d) बंसीलाल

Option (c) सन्त नित्यानन्द

प्रश्न- 20. हरियाणा के प्रथम सूफी सन्त कौन थे?

(a) शेख फरीद

(b) शेख उस्मान

(c) शेख जमाल

(d) शेख मुहम्मद तुर्क

Option (d) शेख मुहम्मद तुर्क

प्रश्न- 21. जैन काव्यधारा में हरियाणवी का प्रयोग करने वाले प्रमुख साहित्यकार कौन थे?

(a) श्रीधर

(b) जैतराम

(c) नित्यानन्द

(d) बंसीलाल

Option (a) श्रीधर

प्रश्न- 22. ‘सतगुरु भेद’ किसने लिखा है?

(a) सन्त हरदेदास

(b) सन्त गुलाबसिंह

(c) सन्त ताराचन्द

(d) सन्त हृदयराम

Option (c) सन्त ताराचन्द

प्रश्न- 23. हरियाणा में साहित्य के विकास हेतु कितनी साहित्य अकादमी विकसित की गई हैं?

(a) 2

(b) 3

(c) 4

(d) 5

Option (d) 5 (पांच)

प्रश्न- 24. ‘हादी-ए-हरियाणा’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था?

(a) शेख फरीद

(b) शेख उस्मान

(c) शाह मुहम्मद

(d) हजरत खैरू

Option (c) शाह मुहम्मद

प्रश्न- 25. ‘अष्टाध्यायी’ के रचनाकार का क्या नाम था?

(a) पाणिनी

(b) मुहम्मद अफजल

(c) महेश्वर शिव

(d) हीरादास

Option(a) पाणिनी

प्रश्न- 26. रत्नावली’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?

(a) हरद्वारी लाल

(b) माणिक्य राज

(c) हर्षवर्द्धन

(d) मस्तनाथ

Option (c) हर्षवर्द्धन

प्रश्न- 27. ‘अकायदे-अजीम’ नामक हरियाणवी गद्य पुस्तक किसने लिखी?

(a) शाह गुलाम जीलानी

(b) शाह मुहम्मद

(c) शेख जमाल

(d) ताराचन्द

Option (b) शाह मुहम्मद

प्रश्न- 28. ‘अमरसेन चरित्र खण्ड’ काव्य किसने लिखा?

(a) ईशदास

(b) बाणभट्ट

(c) हरद्वारी लाल

(d) माणिक्य राज

Option (d) माणिक्य राज

प्रश्न- 29. ‘अधखिला फूल’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?

(a) माधव प्रसाद मिश्र

(b) बालमुकुन्द गुप्त

(c) ठाकुर फेरू

(d) नेमीचन्द्र

Option (b) बालमुकुन्द गुप्त

प्रश्न- 30. ‘रूपचन्द शतक’ के लेखक कौन हैं?

(a) पुष्पदन्त

(b) रूपचन्द पाण्डेय

(c) भगवती दास

(d) मालदेव

Option (b) रूपचन्द पाण्डेय

प्रश्न- 31. रोहतक में जन्मे ‘बनारसी दास’ की प्रसिद्ध रचना कौन-सी है?

(a) सतसई

(b) अर्द्ध कथानक

(c) सुन्दर विलास

(d) सुन्दर श्रृंगार

Option (b) अर्द्ध कथानक

प्रश्न- 32. प्रसिद्ध जैन साहित्यकार ‘भगवती दास’ किस जिले से सम्बन्ध रखते थे?

(a) हिसार

(b) कुरुक्षेत्र

(c) भिवानी

(d) अम्बाला

Option (d) अम्बाला

प्रश्न- 33. ‘सन्तोष जयतिलक’ किसकी रचना है?

(a) पुष्पदन्त

(b) बूचराज

(c) भगवती दास

(d) श्रीधर

Option (b) बूचराज

प्रश्न- 34. ‘चित्रबोधिनी’ नामक टीका किसने लिखी?

(a) पं० हरिपुण्य न्याय रत्न

(b) सत्यदेव वशिष्ठ

(c) छज्जूराम शास्त्री

(d) सूरदास

Option (a) पं० हरिपुण्य न्याय रत्न

प्रश्न- 35. मधुबन (करनाल) में कितने पीरों की प्रसिद्ध मजार स्थित है?

(a) 3

(b) 4

(c) 5

(d) 6

Option (c) 5 (पांच)

प्रश्न- 36. ‘विवाह पद्धति’ पुस्तक किसने लिखी?

(a) पं० विद्याधर शास्त्री

(b) जयाराम शास्त्री

(c) पं० माध्वाचार्य

(d) सीताराम शास्त्री

Option (a) पं० विद्याधर शास्त्री

प्रश्न- 37. ‘विष्णुसहस्रनाम’ किसकी कृति है?

(a) भगवान देव

(b) सत्यदेव वशिष्ठ

(c) महाकवि मयूर

(d) जयाराम शास्त्री

Option (b) सत्यदेव वशिष्ठ

प्रश्न- 38. ‘अमानत एक शहीद की’ के उपन्यासकार का क्या नाम है?

(a) मोहन चोपड़ा

(b) कृष्ण बाछल

(c) मधुकान्त

(d) उर्मि कृष्ण

Option (b) कृष्ण बाछल

प्रश्न- 39. हरियाणा में हिन्दी का प्रथम साहित्यकार किसे माना जाता है?

(a) चौरंगीनाथ

(b) सूरदास

(c) श्रीधर

(d) पुष्पदन्त

Option (a) चौरंगीनाथ

प्रश्न- 40. ‘युक्ति प्रकाश’ किसकी रचना है?

(a) सन्त नित्यानन्द

(b) सन्त निश्चल दास

(c) सन्त दयाल दास

(d) सन्त लालदास

Option (b) सन्त निश्चल दास

प्रश्न- 41. प्रसिद्ध रचना “बीजक’ के रचनाकार कौन हैं?

(a) सन्त गरीबदास

(b) सन्त वीरभान

(c) सन्त लालदास

(d) सन्त आत्माराम

Option (a) सन्त गरीबदास

प्रश्न- 42. ‘माटी का मोल’ उपन्यास किसने लिखा?

(a) हेमराज निर्मम

(b) अभिमन्यु अनन्त

(c) जयनारायण कौशिक

(d) कृष्ण मदहोश

Option (c) जयनारायण कौशिक

प्रश्न- 43. ‘पुष्पदन्त’ के प्रसिद्ध ग्रन्थों की संख्या कितनी है?

(a) 2

(b) 3

(c) 4

(d) 8

Option (c) 4 (चार)

प्रश्न- 44. ‘टूटते बन्धन’ के उपन्यासकार कौन हैं?

(a) हेमराज निर्मम

(b) कृष्ण बाछल

(c) मोहन चोपड़ा

(d) डॉ. शशि भूषण सिंघल

Option (a) हेमराज निर्मम

प्रश्न- 45. “मेहँदी रचे हाथ’ उपन्यास के लेखक कौन हैं?

(a) मोहन चोपड़ा

(b) कृष्ण बाछल

(c) रमेशचन्द्र जैन

(d) मधुकान्त

Option (c) रमेशचन्द्र जैन

प्रश्न- 46. ‘साए अपने-अपने’ उपन्यास के लेखक का नाम क्या है?

(a) मधुकान्त

(b) अभिमन्यु अनन्त

(c) अमृतलाल मदान

(d) राजकुमार निजात

Option (d) राजकुमार निजात

प्रश्न- 47. ‘टूटा हुआ आदमी’ उपन्यास के उपन्यासकार कौन हैं?

(a) कृष्ण मदहोश

(b) मोहन चोपड़ा

(c) उर्मि कृष्ण

(d) मधुकान्त

Option (b) मोहन चोपड़ा

प्रश्न- 48. ‘स्वदेश दर्शन’ नामक पुस्तक के लेखक का क्या नाम है?

(a) रामप्रताप राम

(b) सन्तोष सिंह

(c) गुलाबसिंह

(d) शम्भू दयाल

Option (a) रामप्रताप राम

प्रश्न- 49. कौन-सी सदी को, हरियाणा में सन्त सम्प्रदाय का स्वर्णकाल माना जाता है?

(a) पन्द्रहवीं

(b) सोलहवीं

(c) सत्रहवीं

(d) अठारहवीं

Option (d) अठारहवीं

प्रश्न- 50. ‘प्राणसांकली’ के रचनाकार कौन हैं?

(a) चौरंगीनाथ

(b) मस्तनाथ

(c) श्रीधर

(d) मालदेव

Option (a) चौरंगीनाथ

प्रश्न- 51. गुलाम कादिर की प्रमुख रचनाएँ कौन-सी हैं?

(a) प्रेम लहर

(b) प्रेमवाणी

(c) प्रेम प्याला

(d) ये सभी

Option (d) ये सभी

प्रश्न- 52. ‘राम-माला’ तथा ‘दाहिने हाथ का शंख’ नामक हरियाणवी भाषा की कृतियाँ किस साहित्यकार की हैं?

(a) सन्त हरदेदास

(b) सैयद गुलाम हुसैन शाह

(c) अलीबख्श

(d) सादुल्ला

Option (b) सैयद गुलाम हुसैन शाह

प्रश्न- 53. ‘महाभारत’ व ‘कृष्णलीला’ नामक सांग के रचनाकार कौन हैं?

(a) मिश्र गोवर्द्धन सारस्वत

(b) लखमीचन्द

(c) दयालदास

(d) हरिदास

Option (a) मिश्र गोवर्द्धन सारस्वत

प्रश्न- 54. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से ‘नाथ-सम्प्रदाय’ से संबंधित कितने ग्रन्थ प्राप्त हुए हैं?

(a) 2

(b) 5

(c) 4

(d) 10

Option (a) 2 (दो)

प्रश्न- 55. हरियाणा के ‘नाथ सिद्ध साहित्य’ में कौन-से साहित्यकार सम्मिलित हैं?

(a) सिद्ध चौरंगीनाथ

(b) योग राज पूर्ण नाथ

(c) विकल्प ‘a’ और ‘b’ दोनों

(d) इनमें से कोई नहीं

Option (c) विकल्प ‘a’ और ‘b’ दोनों

प्रश्न- 56. कौन-सा ग्रन्थ ‘नाथ-सम्प्रदाय’ से सम्बन्धित है?

(a) श्रीनाथ अष्टक

(b) षट्चक्र निर्णय

(c) अष्टा जोग

(d) ये सभी

Option (d) ये सभी

प्रश्न- 57. निम्न में से कौन-सा ग्रन्थ नाथ-सम्प्रदाय से सम्बन्धित नहीं है?

(a) हठयोग प्रदीपिका

(b) सिद्धान्त संग्रह

(c) अमरोधशासनम

(d) चित्रबोधिनी

Option (d) चित्रबोधिनी

प्रश्न- 58. निम्न में से कौन-सा साहित्यकार हरियाणा के जैन साहित्य रचना से सम्बन्धित नहीं है?

(a) सुन्दरदास

(b) मालदेव

(c) जयाराम शास्त्री

(d) जगतराय

Option (c) जयाराम शास्त्री

प्रश्न- 59. निम्न में से कौन-सा ग्रन्थ ‘संस्कृत साहित्य’ के ग्रन्थों में शामिल नहीं है?

(a) चित्रबोधिनी

(b) बनारसी विलास

(c) कबीर चित्रम्

(d) दयानन्द लहरी

Option (b) बनारसी विलास

प्रश्न- 60. निम्न में से कौन-सा हरियाणा के सूफी साहित्य में शामिल नहीं है?

(a) बारहमासा 

(b) शाह गुलाम की चौपाइयाँ

(c) अकायदे-अजीम

(d) जयमल फत्ता

Option (d) जयमल फत्ता

प्रश्न- 61. निम्न में से कौन-सा ग्रन्थ हरियाणा के संस्कृत साहित्य में सम्मिलित नहीं है?

(a) सूर्यशतक

(b) गुरुकुल शतकम

(c) सत्यभाष्यम्

(d) सौरठ

Option (d) सौरठ

प्रश्न- 62. निम्न में कौन-से हरियाणा के हिन्दी उपन्यासकार नहीं हैं?

(a) रामपत यादव

(b) उर्मि कृष्ण

(c) रमेशचन्द्र जैन

(d) मोहन चोपड़ा

Option (a) रामपत यादव

प्रश्न- 63. ‘गाँव की ओर’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?

(a) अभिमन्यु अनन्त

(b) मधुकान्त

(c) रामचन्द्र

(d) श्रीधर

Option (b) मधुकान्त

प्रश्न- 64. ठेठ हिन्दी में ‘वाणियाँ’ किसने लिखी है?

(a) चौरंगीनाथ

(b) मस्तनाथ

(c) सूरदास

(d) हर्षवर्द्धन

Option (b) मस्तनाथ

प्रश्न- 65. ‘शकुन विचार’ किसकी रचना है?

(a) आनन्दघन बहौतरी

(b) पुष्पदन्त

(c) श्रीधर

(d) नयामत सिंह

Option (a) आनन्दघन बहौतरी

प्रश्न- 66. बाणभट्ट की प्रमुख रचना कौन-सी है?

(a) चण्डी शतक

(b) पार्वती परिणय

(c) हर्षचरित

(d) ये सभी

Option (d) ये सभी

प्रश्न- 67. निम्न में से कौन हरियाणा के आधुनिक साहित्यकारों में शामिल नहीं हैं?

(a) गोरखनाथ

(b) लखमीचन्द

(c) दीपचन्द

(d) अहमद बख्श थानेसरी

Option (a) गोरखनाथ

प्रश्न- 68. निम्न में से कौन हरियाणा राज्य के प्रमुख सांग रचनाकारों में शामिल नहीं हैं?

(a) लखमीचन्द

(b) ताऊ सांगी

(c) कवि शंकर लाल शुक्ल

(d) भगवती दास

Option (d) भगवती दास

प्रश्न- 69. ‘समुद्र का संसार’ किसकी प्रसिद्ध रचना है?

(a) निश्चल दास

(b) अशोक भाटिया

(c) रामकुमार आत्रेय

(d) बूचराज

Option (b) अशोक भाटिया

प्रश्न- 70. चौरंगीनाथ की प्रसिद्ध रचना कौन-सी है?

(a) नागानन्द

(b) त्रिलोक दर्पण

(c) वायु त्रिभुवनोपदेश

(d) स्वदेश दर्शन

Option (c) वायु त्रिभुवनोपदेश

प्रश्न- 71. ‘हरियाणा ग्रन्थ अकादमी’ की मासिक पत्रिका का क्या नाम है?

(a) हरिगन्धा

(b) हर्षबन्धुत्व

(c) पंचतत्त्व

(d) कथा समय तथा सप्त सिन्धु

Option (d) कथा समय तथा सप्त सिन्धु

प्रश्न- 72. निम्न में से कौन हरियाणा के राज्य कवि हैं?

(a) बालमुकुन्द गुप्त

(b) लख्मीचन्द

(c) उदयभानू हंस

(d) मेहर सिंह

Option (c) उदयभानू हंस

प्रश्न- 73. ‘आजीवन साहित्य साधना’ सम्मान की राशि कितनी है?

(a)  10 लाख

(b)  1 लाख

(c)  2.50 लाख

(d)  5 लाख

Option (d)  5 लाख

प्रश्न- 74. राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी/हरियाणवी हास्य तथा व्यंग्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिए कौन-सा सम्मान दिया जाता है?

(a) हरियाणा गौरव सम्मान

(b) आदित्य-अल्हड़ हास्य सम्मान

(c) लखमीचन्द सम्मान

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Option (b) आदित्य-अल्हड़ हास्य सम्मान

प्रश्न- 75. हरियाणा की किस अकादमी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर ‘हाली पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है?

(a) हरियाणा ग्रन्थ अकादमी

(b) हरियाणा संस्कृत अकादमी

(c) हरियाणा उर्दू अकादमी

(d) उपरोक्त में से कोई नहीं

Option (c) हरियाणा उर्दू अकादमी

प्रश्न- 76. ‘हरियाणा उर्दू अकादमी’ की पत्रिका का क्या नाम है?

(a) सरल वाणी

(b) अनुप्रयाग

(c) जमना तट

(d) हरि भूमि

Option (c) जमना तट

प्रश्न- 77. ‘हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, पंचकुला’ की पत्रिका का क्या नाम है?

(a) जमना तट

(b) शब्द बूंद

(c) सरल सरिता

(d) राम वाणी

Option (b) शब्द बूंद

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