Trial Balance Concept

Trial Balance क्या है ?

Trial से मतलब जाँच से होता है तथा Balance से मतलब शेष से होता है ।

लेजर में जो शेष आता है वह सही है या नहीं इसे जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है उसे Trial Balance कहा जाता है ।

दूसरे शब्दों में

लेजर के शेष को जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है उसे Trial Balance कहा जाता है ।

तलपट वित्तीय वर्ष के अन्त में अथवा अन्य किसी तिथि पर खाता-बही में खोले गए खातों के शेषों की वह सूची है जो इस जाँच-पड़ताल के लिए बनायी जाती है कि क्या वास्तव में डेबिट योग क्रेडिट योग के समान है।

Trial Balance की विशेषताएँ क्या है ?

तलपट (Trial Balance) की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है :

  • इसमें खाता-बही के खातों के डेबिट और क्रेडिट योगों के शेषों को दिखाया जाता है।
  • यह किसी निश्चित तिथि को तैयार किया जाता है ।
  • इसका उद्देश्य खातों के शेषों की अंकगणितीय शुद्धता ज्ञात करना है ।
  • यह सामन्यतया वर्ष के अंत में बनाया जाता है।
  • यह एक विशेष प्रकार की सूची होती है।
  • तलपट से अंतिम खाते तैयार किये जाते हैं।

Trial Balance के उद्देश्य क्या है ?

तलपट बनाने के निम्नलिखित उद्देश्य है :

  • तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खाता-बही में खोले गये खातों की शुद्धता विशेषकर अंकगणित शुद्धता की जानकारी प्राप्त करना है।
  • तलपट के बनाने से सहायक बहियों के योग में अशुद्धियों, खाताबही में खतौनी से संबंधित अशुद्धियों तथा खातों के शेष की गणना में हुई अशुद्धियों को ज्ञात करने में सहायक मिलती है।
  • प्रत्येक व्यापारी अपने व्यापार के लाभ-हानि व आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए तलपट तैयार किया जाता है।
  • खाताबही के किसी भी खाते के शेष का ज्ञान सरलता से हो सकता है।

Trial Balance के उपयोग क्या है ?

Trial Balance के निम्नलिखित उपयोग है :-

  • यह बहियों को अंकगणितीय शुद्धता की जाँच करता है।
  • यदि तलपट का मिलान हो जाये तो मन जा सकता है कि बहियाँ ठीक-ठाक हैं।
  • तलपट के उपलब्ध रहने से वित्तीय विवरणों या अंतिम खातों के निर्माण में सहायता मिलती है। वस्तुतः तलपट अंतिम खाते के लिए आधार या आदान का कार्य करता है।

Trial Balance कैसे बनाया जाता है ?

Trial Balance के दो पक्ष होते हैं क्रेडिट पक्ष और डेबिट पक्ष।

Trial Balance के Debit Side में निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है :

    1. Assets (सम्पत्तियाँ )

Assets में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

      • Cash Balance (रोकड़ शेष )
      • Bank Balance (बैंक शेष )
      • Debtors (ऋणी)
      • Bills Receivable (प्राप्य विपत्र )
      • Investment (विनियोग )
      • Stock (शेष माल )
      • Building (भवन )
      • Land (भूमि)
      • Machine (यंत्र)
      • Furniture (उपस्कर )
    1. coming Goods (आनेवाली वस्तुएँ)

Coming Goods में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

      • Purchase (क्रय)
      • Return In Ward (अन्दर वापसी )
    1. Expenses And Losses (खर्च एवं हानियाँ)

Expenses And Losses में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

    • Salary (वेतन)
    • Wages (मजदूरी)
    • Rent (किराया)
    • Commission (कमीशन )
    • Interest (ब्याज)
    • Discount Allowed (दिया गया छुट)
    • Carriage In Ward (अन्दर भारा)
    • Carriage Out Ward (बाहरी भारा)

********************************************************************************

Trial Balance के Credit Side में निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है :

    1. Liabilities (दायित्व)

Liabilities में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

      • Capital (पूँजी)
      • Creditors (महाजन)
      • Bills Payable (देय विपत्र)
      • Loan (कर्ज)
      • Bank Overdraft (बैंक अधिविकर्ष)
    1. Going Goods (जानेवाली वस्तुएँ)

Going Goods में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

      • Sales (विक्रय)
      • Return Out Ward (बाहरी वापसी)
    1. Incomes And Gains (आमदनी और लाभ)

Incomes And Gains में निम्नलिखित को शामिल किया जाता है :

    • Rent Received (प्राप्त किराया)
    • Commission Received (प्राप्त कमीशन)
    • Interest Received (प्राप्त ब्याज)
    • Interest On Bank Deposited (बैंक जमा पर ब्याज )
    • Interest On Investment (विनियोग पर ब्याज)

Note :

Opening Stock (प्रांरम्भिक माल) को Trial Balance में लिखा जाता है परन्तु Closing Stock (अन्तिम माल) को Trial Balance में नहीं लिखा जाता है ।

Trial Balance में जो अन्तर आता है उसे भूलचूक खाता (Suspense Account) में डाल दिया जाता है ।

Trial Balance बनाने के तरीके को उदाहरण के द्वारा समझे ।

निम्नलिखित शेषों से 31 मार्च, 2009 को सही व उपयुक्त रूप में Trial Balance बनाइए :

Purchase10,250
Sales25,850
Opening Stock3,800
Wages2, 600
Salaries3, 400
Purchase Returns2,350
Capital40,000
Insurance1,200
Rent And Taxex2,400
Creditors6,700
Commission500
Buildings10,000
Debtors5,800
Bills Receivable4,000
Machinery15,000
Furniture4,500
Interest On Investments1,200
Investment15,000
Sales Returns850
Discount Received2,200



Solution :



Trial Balance Of …….
As on 31 st March, 2009



Ledger AccountsL.FDabit AmountCredit Amount
  Rs.Rs.
Purchase 10,250 
Sales  25,850
Opening Stock 3,800 
Wages 2,600 
Salaries 3,400 
Purchases Return  2,350
Capital  40,000
Insurance 1,200 
Rent And Taxes 2,400 
Creditors  6,700
Commission  500
Buildings 10,000 
Debtors 5,800 
Bills Receivable 4,000 
Machinery 15,000 
Furniture 4,500 
Interest On Investments  1,200
Investment 15,000 
Sales Returns 850 
Discount Received  2,200
TotalRs.78,80078,800

Trial Balance की सीमाएं क्या है ?

Trial Balance की निम्नलिखित सीमाएं है :

  • तलपट का मिलान बही-खातों की परिशुद्धता का अंतिम प्रमाण नहीं है।
  • यह बहियों पर एक प्रकार का नियंत्रण है, यह कुछ भी साबित नहीं कर सकता है।
  • यह बहियों का अंश नहीं है, साधारणतया यह कागज के एक पृथक पृष्ठ पर तैयार किया जाता है।

क्या Trial Balance खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण है ?

तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच करना है।

साधारणतया तलपट के दोनों पक्षों के जोड़ मिल जाते हैं तो यह समझा जाता है कि दोनों पहलुओं का लेखा पूर्ण है और कोई अंकगणितीय अशुद्धि नहीं है।

तलपट के मिलने से केवल गणित संबंधी शुद्धि का ही ज्ञान हो सकता है, उसे खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है।

अनेकबार ऐसा देखा गया है कि तलपट तो मिला हुआ है किन्तु बहियों में त्रुटियां हैं।

तो इस तरह कुछ अशुद्धियाँ ऐसी होती हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं। और इसलिए हम कह सकते हैं कि तलपट का मिलान खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं है।

Trial Balance में कितने तरह की अशुद्धियाँ हो सकती है ?

Trial Balance में दो तरह की अशुद्धियाँ होती है :

    1. तलपट को न प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ

इसके अन्तर्गत निम्नलिखित तरह की अशुद्धियाँ आती है :

      • सैद्धांतिक अशुद्धियाँ
      • भूल की अशुद्धियाँ
      • हिसाबी अशुद्धियाँ
      • क्षतिपूरक अशुद्धियाँ
    1. तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ

इसके अन्तर्गत निम्नलिखित तरह की अशुद्धियाँ आती है :

    • गलत योग लगाना
    • खाते में खतौनी न किया जाना
    • खाते का गलत शेष निकालना
    • गलत खतौनी
    • एक ही खाते में दो बार खतौनी

Topic

लेख एवं अंकन दो शब्दों के मेल से वने लेखांकन में लेख से मतलब लिखने से होता है तथा अंकन से मतलब अंकों से होता है । किसी घटना क्रम को अंकों में लिखे जाने को लेखांकन (Accounting) कहा जाता है ।

किसी खास उदेश्य को हासिल करने के लिए घटित घटनाओं को अंकों में लिखे जाने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । यहाँ घटनाओं से मतलब उस समस्त क्रियाओं से होता है जिसमे रुपय का आदान-प्रदान होता है ।

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