Haryana No #1 Free Note's जिला महेंद्रगढ़ का दर्शन / वर्णन

जिला महेंद्रगढ़ का दर्शन / वर्णन

District wise Description of Haryana State – District Mahendergarh / हरियाणा राज्य का जिलेवार वर्णन – जिला महेंद्रगढ़ का दर्शन / वर्णन

आज की हमारी यह पोस्ट हरियाणा जी.के से सन्बन्धित है , इस पोस्ट में हम आपको हरियाणा के अम्बाला जिलें से संबंधित PDF उपलब्ध कराऐंगे। इस PDF को नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर पाएँगे।  जो कि आपको आने वाले ग्राम सचिव, पटवारी, कैनाल पटवारी, हरियाणा  पुलिस, क्लर्क, हरियाणा ग्रुप डी, हरियाणा पात्रता व अन्य हरियाणा की सभी प्रकार की परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी हैै।

जिला महेंद्रगढ़ का दर्शन / वर्णन

जिला महेंद्रगढ़ का दर्शन / वर्णन

  • स्थापना – 1 नवंबर, 1966
  • अन्य नाम – खनिजों का शहर
  • नामकरण – कनोडिया ब्राह्मणों के द्वारा आबाद किए जाने की वजह से महेन्द्रगढ़ पहले ‘कानौड’ के नाम से जाना जाता था। पटियाला के राजा महेन्द्र सिंह के नाम पर महेन्द्रगढ़ रखा गया।
  • मुख्यालय – नारनौल
  • उपमंडल – महेन्द्रगढ़, कनीना, नारनौल
  • तहसील – महेन्द्रगढ़, नारनौल, अटेली, कनीना, नांगल चौधरी
  • उप तहसील – सतनाली
  • खंड – अटेली, नांगल चौधरी, कनीना, महेन्द्रगढ़, नारनौल, निजामपुर, सतनाली
  • क्षेत्रफल – 1900 वर्ग किलोमीटर
  • लिंगानुपात – 917/1000 (2019 के अनुसार)
  • साक्षरता दर – 78.9 प्रतिशत
  • जिले में घनत्व – 486 (वर्ग किलोमीटर)
  • लोकसभा क्षेत्र – भिवानी, महेन्द्रगढ़
  • विधानसभा क्षेत्र – महेन्द्रगढ़, नारनौल, अटेली, नांगल चौधरी

प्रसिद्ध स्थल –

  1. अटेली – नारनौल से लगभग 20 किलोमीटर दूर अटेली में प्रमुख अनाज मंडी है।
  2. बाबा केसरिया धाम, मांडोला
  3. बाबा की खिमजधाम, सेहलंग
  4. बाबा भोलेगिरी आश्रम, खेड़ी तलवाड़ा
  5. माधोगढ़ का किला – महेन्द्रगढ़ से 15 किलोमीटर दूर सतनाली सड़क मार्ग पर अरावली पर्वत शृंखला की पहाड़ियों के बीच सबसे ऊँची चोटी पर माधोगढ़ का ऐतिहासिक किला स्थित है। इसका निर्माण राजस्थान के सवाई माधोपुर के शासक माधव सिंह ने करवाया था।
  6. राय मुकुंद दास का छत्ता – शाहजहाँ के शासनकाल में नारनौल के दीवान मुकुंद दास ने करवाया था। यह स्मारक मुगल कालीन ऐतिहासिक स्मारकों में सबसे बड़ा है। अकबर के शासनकाल में बीरबल का यहाँ आना – जाना रहता था, इसलिए इसे ‘बीरबल का छत्ता’ के नाम से भी जाना जाता है।
  7. इब्राहिम खान का मकबरा – इब्राहिम खान का मकबरा नारनौल में विशाल गुम्बद के आकार का है। प्रसिद्ध सम्राट शेरशाह सूरी ने इसे अपने दादा इब्राहिम खान की याद में बनवाया था।
  8. मिर्जा अलीजान की बावड़ी – यह नारनौल के बाहर स्थित इस बावड़ी का निर्माण मिर्जा अलीजान ने करवाया था।
  9. नारनौल की बावड़ी – नारनौल में कभी 14 बावड़ियां थी। नारनौल की मुख्य बावड़ी तख्त वाली बावड़ी है, छलक नदी के किनारे स्थित है। मिर्जा अलीजान ने इसका निर्माण करवाया था।
  10. शाह विलायत का मकबरा – इब्राहिम खान के मकबरे के एक ओर स्थित यह मकबरा आकार में बड़ा है। इसका निर्माण फिरोजशाह तुगलक के काल में हुआ था।
  11. चामुंडा देवी का मंदिर – नारनौल में प्राचीन मंदिर शहर के मुख्य दर्शनीय स्थलों में एक है। यह सभी धर्मों की एकता का प्रतीक स्थल है।
  12. हमजा पीर दरगाह – नारनौल से 10 किलोमीटर दूर ग्राम धरसू में स्थित संत हमजा पीर की दरगाह भी काफी प्रसिद्ध है। हमजा पीर का पूरा नाम हजरतशाह कलमुद्दीन हमजा पीर हुसैन था।
  13. बाघोत का शिव मंदिर – महेन्द्रगढ़ से लगभग 40 किलोमीटर दूर कनीना – दादरी मार्ग पर स्थित बाघोत का प्राचीन शिव मंदिर एक दर्शनीय स्थल है। चक्रवर्ती राजा दिलीप के काल में इसका निर्माण हुआ था। कालांतर में यह ‘बाघेश्वर’ से ‘बाघोत’ हो गया है।
  14. गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा – नारनौल।
  15. नारनौल में शाह कुली खान द्वारा 1591 में निर्मित जल महल स्थित है।
  16. चोर गुंबद नारनौल में जमाल खान द्वारा निर्मित है। इसे नारनौल का साइन बोर्ड भी कहा जाता है।
  17. अन्नपूर्णा तीर्थ स्थल नारनौल, महेन्द्रगढ़ में है।
  18. गुरुद्वारा गुरु दशमेश – नारनौल।

प्रसिद्ध मेले –

  • बाबा बिहारी नाथ का मेला – नांगलगढ़।
  • तीर्थ का मेला – नारनौल।
  • ढोसी का मेला – महर्षि च्यवन की तपस्थली ढोसी पहाड़ी पर।
  • माता मसानी का मेला – महेन्द्रगढ़।
  • शिवजी का मेला – बाघोत।

प्रमुख शिक्षण संस्थान –

  • केन्द्रीय विश्वविद्यालय, जाट पाली, महेन्द्रगढ़।

प्राचीन स्थल –

  • ढौसी हिल – नारनौल से लगभग 5 किमी. की दूरी पर स्थित यह स्थान वास्तव में एक विलुप्त ज्वालामुखी है और आज भी यहाँ लावा पाया जाता है।
  • महर्षि च्यवन ऋषि की तपोस्थली – महर्षि च्यवन ऋषि की तपोस्थली नारनौल ‘ढोसी की पहाड़ी’ पर स्थित है।
  • नारनौल में लाल पत्थर से बनी भगवान शिव की प्रतिमा प्राप्त हुई है। 

प्रसिद्ध व्यक्तित्व –

  1. हरियाणा में सरसों उत्पादन में प्रथम जिला महेन्द्रगढ़ है।
  2. नारनौल का प्राचीन नाम ‘नंदिग्राम’ था।
  3. नारनौल शेरशाह की जन्मस्थली है।
  4. शेरशाह सूरी – उनका बचपन महेन्द्रगढ़ में बीता। शेरशाह के बचपन का नाम फरीद खां था। उनका मकबरा नारनौल में है। शेरशाह सूरी ने हुमायूं से राज्य 1540 में छीना। शेरशाह की मृत्यु 1545 में हुई।
  5. महेन्द्रगढ़ एकमात्र जिला है, जिसमें से कोई भी नेशनल हाईवे नहीं गुजरता है।
  6. अकबर के समय में नारनौल में टकसाल थी, जहाँ पर जलाली सिक्का बनाया जाता था।
  7. हरियाणा में सर्वप्रथम मनरेगा 2 जिलों में शुरू हुई थी। 1 – सिरसा 2 – महेन्द्रगढ़ (2006)
  8. कृष्णावती व दोहान नदी से सिंचाई होती है।
  9. महेन्द्रगढ़ अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है।
  10. बाजरा फसल के उत्पादन में महेन्द्रगढ़ का प्रथम स्थान है।
  11. महेन्द्रगढ़ का नारनौल शहर अपने धखमक स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है।
  12. खनिज पदार्थ – चूने का पत्थर, लोहा, मार्बल का पत्थर, संगमरमर, चूना, तांबा, ग्रेफाइट, अभ्रक, मैंगनीज, कायनाइट आदि खनिज पदार्थ महेन्द्रगढ़ में मिलते है।
  13. राव तुलाराम और अंग्रेजों के बीच युद्ध (नसीबपुर युद्ध) 16 नवंबर, 1857 को हुआ था।
  14. जवाहरलाल नेहरू उत्थान सिंचाई परियोजना’ द्वारा महेन्द्रगढ़ के इलाकों में सिंचाई होती है।
  15. हरियाणा में सबसे कम फल व सब्जियां महेन्द्रगढ़ में होती हैं। (सबसे ज्यादा सिरसा में)
  16. पुरुषों द्वारा किया जाने वाला धमाल नृत्य महेन्द्रगढ़ में काफी लोकप्रिय है।

महत्वपूर्ण बिंदु –

  1. हरियाणा में सरसों उत्पादन में प्रथम जिला महेन्द्रगढ़ है।
  2. नारनौल का प्राचीन नाम ‘नंदिग्राम’ था।
  3. नारनौल शेरशाह की जन्मस्थली है।
  4. शेरशाह सूरी – उनका बचपन महेन्द्रगढ़ में बीता। शेरशाह के बचपन का नाम फरीद खां था। उनका मकबरा नारनौल में है। शेरशाह सूरी ने हुमायूं से राज्य 1540 में छीना। शेरशाह की मृत्यु 1545 में हुई।
  5. महेन्द्रगढ़ एकमात्र जिला है, जिसमें से कोई भी नेशनल हाईवे नहीं गुजरता है।
  6. अकबर के समय में नारनौल में टकसाल थी, जहाँ पर जलाली सिक्का बनाया जाता था।
  7. हरियाणा में सर्वप्रथम मनरेगा 2 जिलों में शुरू हुई थी। 1 – सिरसा 2 – महेन्द्रगढ़ (2006)
  8. कृष्णावती व दोहान नदी से सिंचाई होती है।
  9. महेन्द्रगढ़ अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है।
  10. बाजरा फसल के उत्पादन में महेन्द्रगढ़ का प्रथम स्थान है।
  11. महेन्द्रगढ़ का नारनौल शहर अपने धखमक स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है।
  12. खनिज पदार्थ – चूने का पत्थर, लोहा, मार्बल का पत्थर, संगमरमर, चूना, तांबा, ग्रेफाइट, अभ्रक, मैंगनीज, कायनाइट आदि खनिज पदार्थ महेन्द्रगढ़ में मिलते है।
  13. राव तुलाराम और अंग्रेजों के बीच युद्ध (नसीबपुर युद्ध) 16 नवंबर, 1857 को हुआ था।
  14. जवाहरलाल नेहरू उत्थान सिंचाई परियोजना’ द्वारा महेन्द्रगढ़ के इलाकों में सिंचाई होती है।
  15. हरियाणा में सबसे कम फल व सब्जियां महेन्द्रगढ़ में होती हैं। (सबसे ज्यादा सिरसा में)
  16. पुरुषों द्वारा किया जाने वाला धमाल नृत्य महेन्द्रगढ़ में काफी लोकप्रिय है।

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